अकाली दल ने इस बात को लेकर जताया एतराज

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नई दिल्ली –

 

एनडीए ने राज्यसभा उपसभापति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में जेडीयू के सांसद हरिवंश को चुना है.  बात अगर जेडीयू सांसद हरिवंश की करे तो उनके नाम की धोषणा एनडीए द्वारा अधिकारिक तौर पर नहीं की गई है. वहीं जेडीयू सांसद हरिवंश का नाम राज्यसभा उपसभापति चुनाव में उम्मीदवार के रुप में सामने आने के बाद एनडीए की सहयोगी पार्टी शिरोमणी अकाली दल ने इस बात पर एतराज जताया है.

 

 

शिरोमणी अकाली दल राज्यसभा उपसभापति चुनाव में उम्मीदवार के रुप में अपने पार्टी के उम्मीदवार का नाम चाहती है. . इसके अलावा सूत्रों से ये भी जानकारी मिल रही है कि राज्यसभा उपसभापति चुनाव में उम्मीदवार के रुप में जेडीयू सांसद हरिवंश के नाम को लेकर बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने खुद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल से इस मामलें में बात की थी. लेकिन फिलहाल मामला थोड़ा मामला अलग नजर आ रहा है.

 

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राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं

सूत्रों से जानकारी ये भी मिल रही है कि इस बात से नाराज शिरोमणी अकाली दल राज्यसभा में उपसभापति चुनाव के दौरान वौटिंग के समय अनुपस्थित रही सकती है. अगर ऐसा होता है तो यह पहली दफा ऐसा होगा कि शिरोमणी अकाली दल एनडीए के साथ वोट नहीं करेगी. बात अगर भाजपा के सहयोगी दलों की करे तो भाजपा से शिवसेना भी फिलहाल नाराज चल रही है. शिवसेना ने अपनी नाराजगी अविश्वास प्रस्ताव में वोटिंग के समय अनुपस्थित रहकर दिखाई थी. राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है.

 

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वहीं विपक्षी खेमें में एनडीए के मुकाबले संख्या बल अधिक है. राज्यसभा का उपसभापति चुनाव कड़ा होने वाला है इस बात के कयास इसी बात से लगाया जा सकता है. वहीं बात अगर शिरोमणी अकाली दल और शिवसेना की करे तो शिरोमणी अकाली दल के राज्यसभा में तीन सांसद है और शिवसेना के  भी राज्यसभा में  तीन सांसद है जिनका वोट एनडीए को मिलना जरूरी है.

 

 

अब राज्यसभा उपसभापति चुनाव इन सब के बीच होने जा रहा है लेकिन भाजपा अब शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना को मनाते हुए किस प्रकार इस मसले को सुलझाती है ये तो समय ही बताएगा. बात ये भी सही है कि राजनीति में क्ब क्य हो जाए ये कहना मुशकिल है.