भारत को मिला एसटीए- 1 का दर्जा

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नई दिल्ली –

 

भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्ते किसी से छुपे हुए नहीं है. वर्तमान समय में भारत और अमेरिका हर मुद्दे पर एक दुसरे की मदद के लिए तैयार भी रहते है जो इन  दोनों देशों के लिए जरूरी भी है. बात अगर ताजा खबर की करे तो अमेरिका ने भारत को एसटीए- 1 ( स्ट्रेटिजिक ट्रेड ऑर्थराइजेशन) का दर्जा दिया है. वहीं यह दर्जा अमेरिका द्वारा दो अन्य देशों को भी पहले दिया जा चुका है जिसमें दक्षिण कोरिया और जापान शामिल है.

 

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जानकारी मिल रही है कि भारत को एसटीए- 1 का दर्जा अमेरिका से प्राप्त होने के बाद भारत को अमेरिका से हाईटेक्ऩोलॉजी प्रोडक्शन यानि अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में मदद मिलेगी. वहीं जानकार, अमेरिका द्वारा भारत को एसटीए- 1 का दर्जा देने को चीन को जवाब देना माना जा रहा है.

 

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भारत सिर्फ एमएसजी का सदस्य नहीं
बात अगर चीन की कि जाए तो चीन एनएसजी समूह का मेंम्बर है और बीते दो साल से चीन भारत को एनएसजी समूह में शामिल होने की राह में बाधा पैदा करता रहा है. बात अगर एसटीए- 1 के दर्जे की  करे तो ये दर्जी उसी देश को दिया जा सकता है जब वो चार प्रमुख संगठन एनएसजी, मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम,  अरेंजमेंट और अस्ट्रेलिया ग्रुप
(एजी)  और वासेनार अरेंजमेंट का सदस्य हो.

 

अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में मदद मिलेगी मदद

वहीं बात अगर भारत की करे तो ट्रम्प प्रशासन ने इस मामले में भारत को एसटीए- 1 का दर्जा देने के लिए पूर्व के नियमों में थोड़ी ढील दी है. अब जब भारतॆ को  एसटीए- 1 का दर्जा प्राप्त हो चुका है तो इससे भारत को अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में मदद मिलेगी. वहीं बात करे तो भारत सिर्फ एनएसजी का समूह नहीं है, इसके अलावा मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम, अस्ट्रेलिया ग्रुप ( एजी ) और वासेनार अरेंजमेंट का सद्स्य है.

 

 

वहीं बात अगर इस भारत को मिले एसटीए- 1 दर्जे की करे तो इससे पूरे दुनिया में भारत का कद उंचा होगा है और इससे भारत को हाईटेक्ऩोलॉजी प्रोडक्शन यानि अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में मदद मिलेगी. इसके साथ ही भारत का विकाश इन क्षेत्रों में और ज्यादा होगा.