सरकार जीएसटी वार्षिक रिटर्न की तारीख बढ़ाए- कैट

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कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक पत्र भेजकर जीएसटी की वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसम्बर 2018 को बढ़ाकर 31 मार्च 2019 करने का आग्रह किया है।

जेटली को भेजे अपने पत्र में कैट ने श्री जेटली का ध्यान वर्ष 2017-18 की वार्षिक जीएसटी रिटर्न जिसको दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसम्बर 2018 की तरफ दिलाते हुए कहा की अभी तक जीएसटी पोर्टल पर वार्षिक रिटर्न दाखिल करने का प्रारूप अथवा विकल्प आया ही नहीं है जिसके चलते देश भर में जीएसटी पोर्टल से पंजीकृत 1 करोड़ से अधिक व्यवसायिओं का रिटर्न भरना मुश्किल है ! जीएसटी की वार्षिक रिटर्न दाखिल करने बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इस रिटर्न को दाखिल करते समय सम्बंधित वर्ष की पूर्व में भरी हुई रिटर्न को संशोधित करने का यह आखिरी विकल्प है। कैट ने यह भी कहा की क्योंकि वैट अथवा बिक्री कर में वार्षिक रिटर्न भरने का कोई प्रावधान नहीं था इस दृष्टि से बड़ी संख्यां में देश भर में व्यापारियों को अभी यह जानकारी भी नहीं है की उन्हें वार्षिक रिटर्न भी भरनी है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की क्योंकि जीएसटी के लागू होने का 2017 -18 पहला वर्ष है इस नाते से जीएसटी से सम्बंधित अनेक विषयों से देश भर में व्यापारी अनभिज्ञ है। व्यापारियों को यह मालूम ही नहीं है की वार्षिक रिटर्न उनके लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं और यदि यह रिटर्न नहीं भरी गई तो उसके क्या परिणाम होंगे। एक तरफ इस रिटर्न के द्वारा व्यापारी अपनी रिटर्न संशोधित कर सकते हैं जिससे उन्हें इनपुट क्रेडिट की हानि न हो और उनके ऊपर कर की कोई बकायेदारी न आ जाये। इस दृष्टि से जीएसटी की वार्षिक रिटर्न भरना प्रत्येक व्यापारी के लिए महत्वपूर्ण एवं जरूरी है।

कैट ने इस अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए वित्त मंत्री को सुझाव दिया है की अविलम्ब वार्षिक रिटर्न का फॉर्मेट एवं उससे सम्बंधित प्रक्रिया को जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए वहीँ दूसरी ओर सरकार इस बारे में एक राष्ट्रीय जानकारी अभियान चलाये जिसके द्वारा लोगों को वार्षिक रिटर्न भरने के बाजरे में जानकारी दी जाए। कैट ने कहा है की इस मुद्दे पर देश भर के व्यापारी सरकार का सहयोग करने के लिए तैयार हैं और वार्षिक रिटर्न भरने के सरकार के अभियान में कंधे से कन्धा मिलाकर जुटेंगे।