देवभूमि उत्तराखंड में लगा गोहत्या पर बैन, हाइकोर्ट ने जारी किए आदेश

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नई दिल्ली –

देवभूमि उत्तराखंड में अब गौ हत्या पर पूरी तरह बैन लगा दिया है. उत्तराखंड हाइकोर्ट की कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने आदेश जारी कर पूरे उत्तराखंड  में गाय, बैल , सांड, बछड़े और बछिया के किसी भी उद्देश्य के लिए हत्या पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है. वहीं बात अगर उत्तराखंड हाइकोर्ट की करे तो उत्तराखंड हाइकोर्ट ने  इस मामले में एक लैटिन शब्द और सिद्दांत “परेन्स पैट्रए” इस्तेमाल किया है. कोर्ट ने इस सिद्धांत का इस्तेमाल करते हुए गाय और इसके अलावा अन्य आवारा पशुओं को हित को ध्यान में रखते हुए निर्देश जारी किया है.

 

हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश

आपको बता दे कि लैटिन शब्द “परेन्स पैट्रए” का मतलब होता है ” अपने देश के माता पिता”. जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस सिद्धांत के अनुसार किसी भी राज्य को यह अधिकार होता है कि वह ऐसे निरोह प्राणियों की हित के लिए कानून बनाए जो अपनी रक्षा अपने आप नहीं कर सकते है. वहीं कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड के सभी सर्किल ऑफिसर को ये आदेश जारी किया है कि अगले 24 घंटों के भीतर इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि अब किसी भी गाय की हत्या न हो.

कानूनी मुकदमा दायर करने के आदेश

वहीं हाइकोर्ट ने इस बात को कहा कि यदि कोई पशु सड़क, चौराहे या सार्वजनिक स्थानों पर पाया जाए तो उसके मालिक पर मुकदमा दायर कर कानूनी कार्रवाई की जाए. इसके अलावा उत्तराखंड हाइकोर्ट ने राज्य में यातायात को सूचारू रूप से चलाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य के राजमार्गों और ग्राम पंचायतों और नगर निगमों को इस बात को सुनिश्चित करने को कहा हा कि अगर सड़क पर कोई आवारा पशु धूमता दिखाई न दे.

 

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वहीं अगर कोई पशु सड़क पर दिखाई देता है तो इस मामले में भी कोर्ट ने आदेश जारी किया है और आवारा पशुओं को सड़क से हटाते समय पूरी करूणा दिखाए जाने का आदेश उत्तराखंड हाइकोर्ट द्वारा जारी किया गया है साथ- साथ इस बात को भी कहा गया है कि पशुओँ को सड़को से हटाए जाने के दौरान इस बात का ध्यान रहे कि पशुओं को किसी भी प्रकार का अनावश्यक दर्द का सामना न करना पड़े.

 

 

उत्तराखंड हाइकोर्ट द्वारा गाय और अन्य पशुओं की रक्षा और हित में जारी किए इस आदेश को अब पूर राज्य में लागू कर दिया गया है. इस आदेश को देखकर ऐसा लगता है कि उत्तराखंड हाइकोर्ट गाय और अन्य आवारा पशुओँ के रक्षा और हित के लिए सामने आया है जो की एक अच्छा कदम है.