द आर्ट लाइफ गैलरी में कलाकारों के प्रदर्शनी का आयोजन, 02 सिंतबर तक चलेगी प्रदर्शनी

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नोएडा

मॉनसून मौसम ईश्वर के द्वारा बनाया गया अद्भूत नजारा है। जिसमें कलाकारों को कई नए रचनात्मक कला को विकसित करने को मजबूर कर देता है। द आर्ट लाइफ गैलरी कलाकारों के ग्रुप को लेकर प्रदर्शनी का आयोजन किया है। द वाइल्ड लीलीज ऑफ मॉनसून का आयोजन 22 अगस्त से किया गया है जिसमें करीब 35 पेंटिंग्स का प्रदर्शन किया गया है, इसमें सात कलाकारों ने अपने कला से इसे सुशोभित किया है।

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कलाकार हैं आरती गोयल, डॉ चिंत्रा सिंह, जाह्नवी अरोड़ा, डॉ कामिनी जैन, सोनम शर्मा, श्वेता दत्त और विवेक सिंह। यह प्रदर्शनी 12 दिनों तक यानी 02 सिंतबर तक चलेगा। जहां कलाकारों के उत्कृष्ट कला को 10-06 बजे तक देखा जा सकता है।गैलरी के संस्थापक व निदेशक प्रतिभा अग्रवाल का कहना है कि अशध पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक हिंदू कैलेंडर द्वारा चार महीने का एक हिस्सा आपके साथ जुड़ने और बहुतायत का जश्न मनाने का समय है। यहां कलाकार अपने कला कार्यों में रचनात्मकता की बहुतायत और खुशी का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं।

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“सावन के महीने में प्रत्येक वर्ष देश में तीज पर्व मनाया जाता है जिसमें महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां और गहने पहनती हैं जो फूलों से बना होता है। कलाकारों ने बेहतरीन तरीके से फूलों, भक्ति और मॉनसून के मिश्रण को बेहतरीन तरीके से सामने रखा है। कलाकार आरति गोयल ने अपने आर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि मॉनसून बहुत सुंदर मौसम है जिसमें पृथ्वी पर कई तरह के बेहतरीन चीजें सामने आती हैं जिसे हमने अपने आर्ट में दिखाया है। खास तौर पर राधा कृष्ण के नृत्य संयोजन को हर भरे बागों के बीच दिखाया है।

 

आरती गोयल ने बताया कि वह मधुबनी आर्ट से प्रभावित हैं। जानवी अरोड़ा ने अपने पेंटिंग कि विशेषता बताते हुए कहा कि भारत की धरती संस्कृति को लेकर काफी धनी है। खास तौर पर पेंटिंग्स में मॉनसून में विभिन्न छटाओं को दिखाया है जिसमें कई रंग एक साथ दिखेंगे।जानह्वी ने अपनी पेंटिंग्स की विशेषता बताते हुए कहा कि मॉनसून कई रंग लेकर आता है जिस प्रकार से जिंदगी के कई रंग होते है वह सब इस मौसम में देखने को मिलता है। इस मौसम में कई तरह के फूल खिल आते हैं।श्वेता दत्ता ने बगीचे की सौंदर्य पर चर्चा करते हुए कहा कि मॉनसून में विभिन्न तरह के फूल बगीचे में शोभा बढ़ाते हैं। जिसमें जूही, मोगरा,चमेली और लीली खास है जिससे बगीचा खिल उठाता है।

यह खास तौर पर भक्ति, शांति सबकुछ का सामंजस्य होता है। आज के मौहाल में युवाओं को शांति और प्रेम भाव में तालमेल बनाकर समाज को आगे बढ़ाना होगा। डॉ कामिनी जैन ने पेंटिग्स के विषय वस्तु पर चर्चा करते हुए कहा कि मॉनसून देश के कृषि व समाज के लिए भी काफी महत्व रखता है। इसलिए हमने कोशिश की है कि दोनों का समायोजन इसमें हो। जिसमें शावर और मॉनसून के छटाओं को भी दिखाया है। कालिदास द्वारा रचित मेघदूत में जिस प्रकार से मेघ को प्यार का दूत के रूप में दर्शाया गया है जिसे चित्रण किया गया है। मेघ इस समय प्यार का दूत है। कलाकार प्रतिभा अग्रवाल ने पेंटिंग्स के बारे में बताते हुए कहा कि मॉनसून में जहां प्यार बिखरने का संदेश देता है वहीं विश्व में शांति और उत्साह को वैश्विक रूप से प्रसार हो जिसमें सबके पास प्यार का संदेश फैले।