लोकसभा में पारित हुआ सामान्य वर्ग के आरक्षण का विधेयक

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नई दिल्ली
सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण के प्रस्ताव वाले बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है। आरक्षण के लिए लाए गए 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने बहुमत के साथ पारित किया। बिल में सभी संशोधनों को बहुमत से मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक के समर्थन में 323 वोट पड़े, जबकि महज 3 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। कुल 326 सांसदों ने मतदान किया था।

इस विधेयक को लेकर करीब 5 घंटे तक चली बहस में लगभग सभी दलों ने इसका पक्ष लिया, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया। हालांकि कई सांसदों ने इस विधेयक को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए और कानूनी एवं संवैधानिक तौर पर इसके टिकने को लेकर अपनी बात कही।
इसके जवाब में थावरचंद गहलोत ने कहा कि सरकार की नीयत साफ है और अगर कोई उच्चतम न्यायालय भी जाता है तो इसके लिए हम पहले ही प्रावधान कर रहे हैं। ताकि न्यायालय भी संसद की बात को मान लें। यानि वहा भी खारिज नहीं होगा।


इससे पहले विधेयक का किसी भी दल ने सीधे तौर पर विरोध तो नहीं किया, लेकिन सरकार की नीति और नीयत को लेकर सवाल जरूर खड़े किए। राजद के सांसद जयप्रकाश नारायण यादव और एसपी के धर्मेंद्र यादव ने इस बिल को धोखा करार देते हुए आबादी के अनुपात में आरक्षण की बात की।

मील का पत्थर साबित होगा यह बिल- मोदी

सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 पर्सेंट आरक्षण को लेकर संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित होने का पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया है। 323 वोटों से विधेयक के पारित होने पर ट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘124वां संविधान संशोधन बिल, 2019 का लोकशभा से पारित होना देश के इतिहास में मील का पत्थर है।’
पीएम मोदी ने कहा कि इसे मंजूरी मिलने से समाज के सभी वर्गों को न्याय मिलने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का समर्थन करने के लिए भी मैं सभी दलों के सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं। यही नहीं इस विधेयक को लेकर लोकसभा में रचनात्मक डिबेट करने वाले सभी सांसदों की भी मैं प्रशंसा करता हूं।