प्रमोद सावंत बने गोवा के नए मुख्यमंत्री, आधी रात को ली शपथ

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पणजी-
भाजपा नेता प्रमोद सावंत ने सोमवार रात लगभग 1.50 बजे गोवा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने प्रमोद सावंत को राज भवन के दरबार हॉल में एक सादे समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सावंत ने मनोहर पर्रिकर का स्थान लिया है जिनका रविवार को निधन हो गया था। आज शाम पर्रिकर का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। 46 वर्षीय प्रमोद सावंत 2012 में पहली बार विधायक बने थे। सावंत 2017 में दोबारा विधायक चुने गये थे। आरएसएस के स्वयंसेवक और स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के करीबी रहे सावंत पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं।

प्रमोद सावंत मुख्यमंत्री बनने से पहले तक गोवा विधानसभा के अध्यक्ष थे। गठबंधन सहयोगियों के साथ सत्ता साझीदारी के समझौते के तहत इस तटीय राज्य में भाजपा का समर्थन कर रहे दो छोटे दलों के एक-एक विधायक को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। इनमें गोवा फॉर्वर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक सुदिन धावलिकर शामिल हैं। दस विधायकों ने भी मंत्रियों के रूप मे शपथ ली।

गोवा में भाजपा और सहयोगी दलों के विधायकों के साथ पार्टी के राज्य प्रभारी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कई दौर की बातचीत की। बातचीत में कुछ देर के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए। शपथ ग्रहण का समय पहले रात्रि 11 बजे बताया गया था लेकिन देर रात 12 बजे जब विधायकों के साथ चल रही बैठक खत्म हुई तब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संवाददाताओं को बताया कि हमने नेता तय कर लिया है और भाजपा विधायक दल के पत्र तथा सहयोगी दलों के पत्र के साथ राज्यपाल मृदुला सिन्हा के पास मिलने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन के पास राज्य विधानसभा में पूर्ण बहुमत है।
चूँकि राजभवन को इस बारे में पहले ही सूचना दे दी गयी थी कि शपथ ग्रहण देर रात्रि को होगा इसीलिए वहां इससे संबंधित तैयारियां हो चुकी थीं और रात्रि 12.30 बजे सावंत ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली। प्रमोद सावंत मनोहर पर्रिकर के उत्तराधिकारी जरूर बन गये हैं लेकिन उन पर यह बड़ी जिम्मेदारी होगी कि गोवा के लिए पर्रिकर के अधूरे सपनों को पूरा कर पायें। गोवा के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर नामित किए गए प्रमोद सावंत ने कहा कि भाजपा ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति में लाने वाले पर्रिकर ही थे और आज वह जो कुछ हैं मनोहर पर्रिकर की वजह से ही हैं।