-आज एजुकेशन को ग्रामीण भारत से जोड़ने की जरूरत है- राजमणि पटेल, सासंद
-एकेडमिशियन को जिम्मेदारी लेनी होगी- अनुपम हाजरा, नेशनल सेक्रेटरी, भाजपा
-आईसीसीआई का पांचवां नेशनल एजुकेशन एक्सलेंस कॉन्कलेव का भव्य आयोजन में एजुकेशनिस्ट ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
नईदिल्ली-
आज वैल्यू वेस्ड एजुकेशन की जरूरत है। लेकिन इससे ज्यादा एजुकेशन में मूल्यों को भी जोड़ने की आवश्यकता है। यह बात इंटीग्रेटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कॉन्कलेव को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा।
इंटीग्रेटड चैबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, आईसीसीआई का पांचवां नेशनल एजुकेशन एक्सलेंस कॉन्कलेव का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के मल्टीपरपस हॉल में किया गया। इस एजुकेशन समिट में देश भर के शिक्षा के तमाम दिग्गजों ने संबोधित किया। इंटिग्रेटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईसीसीआई) द्वारा आयोजन इस नेशनल समिट में अति मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल, नेशनल सेक्रेटरी अनूपम हजारा, नेशनल सेक्रेटरी अलका गुजर, सांसद राजमणि पटेल ने संबोधित किया।
इस मौके पर भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि आज देश में स्ट्रक्चर बदलने की जरूरत है। केवल बजट बढ़ाने से कार्य नहीं चलेगा। आज देश में वैल्यू वेस्ड एजुकेशन की जरूरत है। जिसके लिए एकेडमिशियन को कार्य करना होगा।
जयवीर शेरगिल ने एजुकेशन दस-बीस वर्ष का प्लान नहीं है। जीवन भर एजुकेशन खाका खिंचने की जरूरत है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में सांसद राजमणि पटेल ने कॉन्कलेव को संबोधित करते हुए कहा कि आज एजुकेशन को ग्रामीण भारत से जोड़ने की जरूरत है। एजुकेशन में मूलभूत कमियां हैं जिसकी सुधारकरने की जरूरत है। जिसके लिए सरकार को भी कदम उठाने की जरूरत है।
आईसीसीआई के एजुकेशन कॉन्कलेव को संबोधित करते हुए भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी डॉ अनुपम हाजरा ने कहा कि केवल इंफ्रास्ट्रक्चर से एजुकेशन को नहीं सुधारा जा सकता। इसके लिए आज सबसे ज्यादा एकेडमिशियनों को जिम्मेदारी लेनी होगी। तभी एजुकेशन में तेजी से सुधार होगा। केंद्र सरकार ने नए एजुकेशन पॉलिसी में कई सुधार किए हैं जिसे लागू किया जा रहा है।
कान्कलेव को संबोधित करते हुए नेशनल सेक्रेटरी अलका गुर्जर ने कहा कि आज पीएम नरेंद्र मोदी ने नई एजुकेशन पॉलिसी लाकर देश में जड़ो से जोड़ने के लिए कार्यक्रम किया है। जिसकी आज चर्चा भी है।
इस मौके पर नेशनल वीमेंस कमीशन की सदस्य ममता कुमारी ने कहा कि आज देश के एजुकेशन में माता-पिता के मूल्यों को भी जोड़ने की जरूरत है।
आईसीसीआई के इस कार्यक्रम में चार सत्र में एकेडमिशियनों ने संबोधित किया। मुख्य वक्ता के रूप में एआईसीटीई की एडवायजर डॉ ममता रानी अग्रवाल ने ने एजुकेशन संस्थाओं के मूलभूत सुधार पर खास जोर दिया। खासतौर पर एजुकेशन के इंटिग्रेशन की बात कही। उद्घाटन सत्र में
एआईसीटीई के चीफ कॉर्डिनेटर ऑफिसर डॉ बुद्धा चंद्रशेखर ने कहा कि आज नई एजुकेशन पॉलिसी में कई बदलाव हुए हैं। जिसमें प्रैक्टिकल पर ज्यादा जोर है जिससे छात्र अब स्वरोजगार की ओर बढ़ने लगे हैं। आज स्किल पर कार्य करने की जरूरत है जो आपको इस नई एजुकेशन पॉलिसी में साफ दिखेगा।
एएसएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन डॉ संदीप पचपांडे, हॉस्पिटिलीटी स्कील काउंसिल व टूरिज्म के सीईओ राजन बहादुर,वाटर मैनेजमेंट व प्लम्बींग स्कील काउंसिल के सीईओ योगेशन कपूर,डोमेस्टिक वर्कर्स सेक्टर स्कील काउंसिल की सीईओ मोना गुप्ता, राऊरकेला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सेक्रेटरी आर्य पटनायक, प्रेस्टिज ग्रुप के प्रेसिडेंट डेविस जैन,मेधावी स्कील यूनिवर्सिटी के कुलदीप शर्मा, निर्वाण यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अरविंद कुमार अग्रवाल,इंदिरा गांधी टेक्नोलोजी एंड मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ मार्केंण्डेय राय,आटोमोटिव स्कील डेवलपमेंट काउंसिल के सीईओ अरविंदम लाहिरी, सुंशात फार्मा के प्रीसिंपल ज्योति सिन्हा, यंग चेंजर आदित्य पचपांडे ने संबोधित किया।
आईसीसीआई के इस खास कॉन्कलेव में देश भर के एजुकेशन संस्थाओं को सम्मानित भी किया गया। समापन सत्र को राउर केला राऊरकेला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सेक्रेटरी आर्य पटनायक ने संबोधित किया। एजुकेशन एक्सलेंस कानक्लेव में सीईजीआर के डायरेक्टर रविश रोशन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
गौरतलब है कि आईसीसीआई देश के बड़े आर्थिक थिंक टैंक है जो सभी सेक्टरों के उद्यमियों को एक मंच देता है।