कायाकल्प की टीम ने सदर अस्पताल में सुविधाओं का लिया जायजा

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-मुंगेर से आई टीम ने ओटी, ओपीडी और लेबर रूम को देखा
-सदर अस्पताल की व्यवस्था से कायाकल्प की टीम संतुष्ट
भागलपुर, 2 दिसंबर| कायाकल्प की टीम ने गुरुवार को सदर अस्पताल का जायजा लिया। मुंगेर से आए डॉ. नीलू विश्वकर्मा और वहां के डीपीसी डॉ. विकास कुमार ने ओपीडी, ओटी, लेबर रूम इत्यादि का निरीक्षण किया। वहां की सुविधाओं के बारे में जाना। इन विभागों में तैनात कर्मचारियों से जानकारी ली। साथ ही इलाज कराने आए मरीजों से भी अस्पताल की व्यवस्था के बारे में जाना। डॉ. विकास कुमार ने कहा कि भागलपुर सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज को लेकर व्यवस्था संतोषजनक है। ओपीडी से लेकर ओटी तक में सारी सुविधाएं उपलब्ध दिखीं। खास बात यह रही कि यहां इलाज के लिए आए मरीज भी अस्पताल की व्यवस्था से खुश दिखे।
वहीं डॉ. नीलू विश्वकर्मा ने कहा कि निरीक्षण के दौरान सभी कुछ ठीक ठाक रहा। विभागों में तैनात कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई तो उनका भी जवाब संतोषजनक रहा। हालांकि सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है, लेकिन यहां पर सभी कुछ ठीक था। खासकर पिछले दिनों अलग-अलग ओपीडी में इलाज की व्यवस्था शुरू होने से मरीजों को काफी राहत मिली है। मरीजों को यहां पर लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है। साथ ही इलाज के दौरान ओपीडी में भीड़ भी नहीं लगती है। निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल प्रभारी डॉ. राजू, मैनेजर जावेद मजूर करीमी, केयर इंडिया के डीटीओ फैसिलिटी डॉ. राजेश मिश्रा इत्यादि मौजूद रहे। इस निरीक्षण की रिपोर्ट भी जल्द ही आ जाएगी। इसके बाद यह पता चल पाएगा कि भागलपुर सदर अस्पताल को राज्य में कौन-सी रैंक मिली है।
पिछली बार दूसरी रैंक आई थीः कायाकल्प के निरीक्षण में पिछली बार सदर अस्पताल को सूबे में दूसरा स्थान मिला था। इसके तहत राशि भी मिली थी। अभी हाल ही में दिल्ली से आई लक्ष्य की टीम ने भी सदर अस्पताल का निरीक्षण किया था। उस दौरान भी यहां की व्यवस्था से लक्ष्य की टीम खुश दिखी थी। हालांकि उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद यह पता चलेगा राष्ट्रीय स्तर पर सदर अस्पताल को कौन-सी रैंक मिलती है।
पहला स्थान आने पर 50 लाख की राशि मिलेगीः कायाकल्प की रैंकिंग में अगर सदर अस्पताल सूबे में पहले स्थान पर आता है तो 50 लाख की राशि मिलेगी। अगर दूसरा स्थान आता है तो 20 लाख की राशि मिलेगी। जो पिछली बार मिली थी। पहला और दूसरा स्थान नहीं आने पर भी अगर अंक 70 प्रतिशत से अधिक हुआ तो एक लाख रुपये की राशि मिलती है।