कोरोना काल में बेहतर कार्य करने की हुई सराहना, मिला सम्मान

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-शहरी पीएचसी के डॉ. बजरंग को जिलाधिकारी ने किया सम्मानित
-पिछले दो साल से दिन-रात एक कर निभा रहे हैं अपनी जिम्मेदारी
बांका, 21 फरवरी
कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों की चुनौती काफी बढ़ गई, लेकिन इस चुनौती को अपना कर्तव्य समझकर बहुत सारे लोगों ने काम किया। इन्हीं लोगों में से एक हैं डॉ. बजरंग। डॉ. बजरंग की तैनाती शहरी पीएचसी में है। कोरोना की पहली लहर जब आई तो उनकी ड्यूटी जांच से लेकर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की देखभाल तक में लगी, जिसे उन्होंने बहुत ही ईमानदारी से किया। वैसे समय में जब कोरोना का नाम सुनकर ही लोग डर जाते थे, उस परिस्थिति में कोरोना मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज और देखभाल करना आसान नहीं था। लेकिन डॉ. बजरंग ने अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारीपूर्वक किया। इसी का परिणाम है कि जिला प्रशासन ने उनके योगदान को पहचाना और उचित सम्मान दिया। सोमवार को जिलाधिकारी सुहर्ष भगत ने पिछले दो साल से कोरोना काल के दौरान बेहतर कार्य करने के लिए डॉ. बजरंग को सम्मानित किया।
मुझसे जो भी अपेक्षा है, उसे पूरा करने की कोशिश करूंगाः सम्मानित होने के बाद डॉ. बजरंग ने कहा, जब आपके काम को पहचान मिलती है और उसके बदले सम्मान मिलता है तो अच्छा लगता है। मैं तो पूरी ईमानदारी से अपना काम कर ही रहा था। सम्मान मिलने के बाद उत्साह और दोगुना हो गया। सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि अन्य मरीजों की सेवा के लिए भी मैं तत्पर रहता हूं। अभी कोरोना पर फोकस है तो इस पर ज्यादा काम करता हूं। मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसका मैं पूरी ईमानदारी से निर्वहन करूंगा। मुझे खुशी इस बात की है कि कर्तव्य के निर्वहन के दौरान मैंने जो भी काम किया, आमलोगों ने भी उसे हाथोंहाथ लिया। मेरी सलाह को लोगों ने माना। इसी का परिणाम है कि मेरे काम को पहचान मिली। काम को पहचान मिलने का ही नतीजा है कि मुझे सम्मानित किया गया। सम्मान पाने के बाद मैं संतुष्ट नहीं रहूंगा, बल्कि काम करने के प्रति मेरी भूख और बढ़ गई। मेरे सीनियर से लेकर मेरी सेवा पाने वाले आमलोगों को मुझसे जो भी अपेक्षा है, उस पर मैं खरा उतरने का प्रयास करूंगा।
डॉ. बजरंग के सम्मान के सही हकदारः शहरी पीएचसी के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर से ही डॉ. बजरंग ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन शानदार तरीके से किया। होम आइसोलेशन में मरीजों की देखभाल की बात हो या फिर मरीजों की जांच और इलाज की बात हो, हर मोर्चे पर उन्होंने डटकर काम किया। आज उसका परिणाम सबके सामने है। दूसरी लहर से ठीक पहले कोरोना टीकाकरण की जब शुरुआत हुई तो डॉ. बजरंग ने उसमें भी अपनी भूमिका शानदार तरीके से निभाई। गांधी चौक पर जब 12 घंटे के टीकाकरण केंद्र की शुरुआत हुई तो वहां पर भी वह मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करते रहे। कोरोना के साथ-साथ अन्य काम में भी वह अपनी भूमिका निभाते रहे। वह सम्मान के सही हकदार थे। मुझे खुशी है कि जिला प्रशासन ने उनके काम को पहचाना और डीएम ने उन्हें सम्मानित किया।