-बलियामहरा एपीएचसी में तैनात एएनएम ज्योति प्रिया की मेहनत ने लाया रंग
-लोगों को स्वास्थ्य़ के प्रति जागरूक करने में निभा रही हैं अपनी अहम भूमिका
बांका, 23 मई।
कोरोना की तीन लहर खत्म हो चुकी है। इससे निपटने में आमलोगों ने तो अपनी भूमिका निभाई ही है। साथ में स्वास्थ्यकर्मियों ने भी इसमें अपना अहम योगदान दिया है। कोरोना से लोगों को बचाने में स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही। खासकर जांच और टीकाकरण कराने में। इसमें महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने भी बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभाई। लोगों की कोरोना जांच से लेकर टीकाकरण तक में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बलियामहरा एपीएचसी में तैनात एएनएम ज्योति प्रिया भी इनमें से एक हैं।
2020 में जब से कोरोना काल शुरू हुआ है, तब से वह अपनी भूमिका निभा रही हैं। कोरोना की जब शुरुआत हुई थी तो नाम सुनकर भी लोग डरते थे, लेकिन ज्योति प्रिया उसी समय से जांच से लेकर टीकाकरण तक में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रही हैं। जब कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई तो उसमें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीकाकरण में उनके योगदान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बलियामहरा पंचायत में लगभग सभी लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र होने के बावजूद उन्होंने सभी लोगों को टीका लेने के लिए मना लिया। पंचायत के लोग पहले कोरोना का टीका लगाने से कतराते थे, लेकिन आज के समय में पूरी पंचायत का हो गया है टीकाकरण।
एक ही व्यक्ति के पास बार-बार जाकर किया जागरूकः ऐसा नहीं था कि सभी लोग राजी-खुशी से टीका लेने को तैयार थे। ज्योति प्रिया कहती हैं, शुरुआत में लोग बिल्कुल भी टीका नहीं लेना चाहते थे। उनके मन में तमाम तरह की आशंकाएं थी, जिसे दूर किया गया। तब जाकर लोगों ने कोरोना का टीका लिया। कई लोग तो ऐसे भी थे जो साफतौर पर टीका लेने से मना कर रहे थे, लेकिन एक ही व्यक्ति के पास बार-बार जाकर उन्हें टीका लेने के लिए मनाया। आज इसका परिणाम भी दिख रहा है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि ज्योति प्रिया की सबसे अच्छी बात यह है कि जो भी काम देते हैं, उसे पूरी मेहनत और लगन के साथ करती है। इसी का परिणाम है कि शत-प्रतिशत परिणाम मिलता है। चाहे कोरोना हो या नियमित टीकाकरण, दोनों में उसका काम सराहनीय है।
नियमित टीककारण के लिए भी लोगों को किया जागरूकः ज्योति प्रिया की बलियामहरा एपीएचसी में तैनाती 2019 में हुई है। इससे पहले 2014 से लेकर 19 तक धोरैया पीएचसी में तैनात थी। जब ज्योति प्रिया बलियामहरा आई थी तो उस वक्त यहां पर नियमित टीका लेने से भी लोग कतराते थे। गर्भवती महिलाएं तो खुद टीका लेने से बचती ही थीं, साथ में बच्चों को भी टीका दिलवाने से परहेज करती थी। लेकिन ज्योति प्रिया ने हार नहीं मानी और काउंसिलिंग के जरिये लगातार लोगों को जागरूक करने का काम करती रहीं। आज बलियामहरा पंचायत के लोग नियमित से लेकर कोरोना टीकाकरण को लेकर काफी सजग हैं। पंचायत के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति गजब की जागरूकता आई है।