खान-पान पर दें ध्यान, एनीमिया से होगा आपका बचाव

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-शरीर में खून की कमी से होती है यह बीमारी
-भोजन में बदलाव कर इस पर पा सकते हैं काबू
बांका, 4 जुलाई-
एनीमिया की बीमारी शरीर में खून या हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से होती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती  और व्यक्ति कमजोर होने लगता है। यह बीमारी काफी आम हो चुकी है। महिलाओं को इसका सबसे ज्यादा सामना करना पड़ता है। एनीमिया की समस्या अस्थायी भी हो सकती और यह लंबे समय तक भी चल सकती है। हालांकि, एनीमिया (खून की कमी) से बचाव किया जा सकता है। खान-पान पर ध्यान देकर, इस बीमारी से बचा जा सकता है।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी कहते हैं कि हमारे खून में रेड ब्लड सेल्स होती हैं, जिसे आरबीसी  भी कहा जाता है। यह सेल्स शरीर में मौजूद सभी टिश्यू (ऊतकों) तक ऑक्सीजन ले जाने का काम करती है। जब शरीर में आरबीसी की मात्रा कम होने लगती है तो शरीर में ऑक्सीजन भी घटने लगती है और नया खून बनना बाधित हो जाता है। इसी समस्या को खून की कमी या एनीमिया कहा जाता है। खान-पान और जीवनशैली में बदलाव लाकर इस बीमारी से आसानी से हम अपना बचाव कर सकते हैं।
एनीमिया के ये हैं लक्षणः डॉ. चौधरी कहते हैं कि चक्कर आना, हाथ व पैर में ठंड लगना, त्वचा का पीला पड़ना, छाती में दर्द होना, सांस लेने में परेशानी होना और दिल की धड़कन का ठीक से काम नहीं करना, थकान, कमजोरी इत्यादि एनीमिया के लक्षण हैं। अगर ऐसा महसूस हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें और उनके परामर्श के अनुसार रहें तो इस बीमारी पर काबू पा लेंगे।
बचाव के ये हैं उपायः डॉ. चौधरी कहते हैं कि एनीमिया से बचाव को लेकर आयरनयुक्त आहार लेना जरूरी है। खाना में पालक, सोयाबीन, चुकंदर, अनार व हरी सब्जियों को शामिल करें। इसके अलावा दूध, घी, मांस, मछली भी काफी असरदार है। फल में अनार का सेवन इसमें बहुत ही फायदेमंद रहता है। साथ ही चुकंदर भी बहुत फायदा पहुंचाता है। जो लोग मांस-मछली नहीं खाते हैं, वे लोग फल, दूध और हरी सब्जियों पर विशेष ध्यान दें। साथ ही समय पर भोजन करने की कोशिश करें। ये सबसे ज्यादा जरूरी है और सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाता है।
गर्भवती महिलाएं और किशोरियों को विशेष ध्यान देने की जरूरतः डॉ. चौधरी कहते हैं कि एनीमिया की चपेट में कोई भी आ सकता है, लेकिन गर्भवती महिलाएं और किशोरियों को इससे ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए लक्षण का अहसास होने पर जरूरी जांच करवाएं। जांच में अगर एनीमिया की पुष्टि होती है तो उसके इलाज पर फोकस करें। खासकर गर्भवती महिलाओं को और विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उसके पेट में पल रहे गर्भस्थ  शिशु के विकास के लिए शरीर में रक्त का निर्माण बहुत ही आवश्यक है। इसमें कमी होने पर एनीमिया की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए एएनसी जांच करवाएं।