छः माह तक केवल स्तनपान है सर्वोत्तम आहार, करें कुपोषण पर प्रहार: शोभा कुमारी

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-अनुश्रवण व गृहभ्रमण से लगातार कुपोषण को दूर करने को व्यवहार परिवर्तन के लिए प्रयासरत हैं सेविका
-पोषक क्षेत्र में माता-बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए विभागीय प्रशिक्षणों का पालन कर दर्जनों बच्चों की बनी हैं दीदी

जमुई-

सदर प्रखंड के थेगुआ गाँव के आंगनवाड़ी केंद्र सं.179 की सेविका 41 वर्षीय शोभा कुमारी ने 14 वर्षों से अपने पोषक क्षेत्र की महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण से लड़ने की सुरक्षा प्रणाली सुदृढ़ की है| वह सभी महिलाओं को छः माह तक केवल स्तनपान की सलाह देती हैं | वह कहती नवजात के लिए यह सर्वोत्तम आहार है जिससे बच्चे को कुपोषण से बचाया जा सकता है | उसकी बानगी को बयां करती हैं पहले संतान की माँ 20 वर्षीय काजल कुमारी| वह कहती हैं दीदी के बताये व्यक्तिगत स्वच्छता को अपनाते हुए छः माह तक शिशु को केवल स्तनपान ही कराया | इसका ही परिणाम है कि मेरी पायल बिटिया (2 वर्ष) आज स्वस्थ और खुशहाल है | वहीं माता समिति की सदस्य 39 वर्ष की पार्वती देवी कहती हैं शोभा दीदी बैठकों व क्षेत्र भ्रमण में पोषण को बनाए रखने के उपायों के बारे में जरूर बताती हैं| उसके लिए वह व्यक्तिगत स्वच्छता से शुरू करती हैं | एक धात्री माता गायत्री देवी ने बताया पोषण के बारे में दीदी से ही पता चला| उन्होंने बताया शिशु जन्म के छः माह तक केवल माँ का दूध ही पिलाने से कुपोषण को दूर करने में मदद मिलती है| जिसे मैं पूरी तरह अपना रही हूँ |
इस बाबत र सेविका शोभा ने बताया पायल जन्म के समय मात्र 1 किलो 900 ग्राम की थी जो चिंता का विषय था | इस पर मेरे द्वारा तत्काल पोषण पुनर्वास केंद्र में जाने की सलाह दी गयी | परंतु घरेलू परेशानियों की वजह से वो नहीं जा पायी | फिर भी काजल कुमारी के पति संतोष ठाकुर से आश्वस्त होने के बाद व्यक्तिगत स्वच्छता, केवल स्तनपान एवं सम्पूर्ण टीकाकरण को ध्यान में रख कर नियमित गृह-भ्रमण जारी रखा गया | इसके लिए अलग से वृद्धि द्धि चार्ट तैयार कर अनुश्रवण करती रही | समेकित प्रयास से नन्हीं पायल में शीघ्र ही वजन की वृद्धि होने लगी और आज वो सभी स्वस्थ बच्चों की तरह ही प्रगति की ओर अग्रसर है | लाभार्थी कहती हैं प्रखंड स्तरीय संसाधन समूह के माध्यम से राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत मोड्यूल -9 में पोषण के महत्व पर और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हरी साग सब्जियों से प्राप्त लौह तत्व के अवशोषण हेतु विटामिन-सी युक्त पेय लेने के बारे में बताया गया जो काफी उपयोगी है |
वरीय पदाधिकारियों की हैं प्रशंसा पात्र :
पोषण की स्थितियों को बनाये रखने के शोभा कुमारी के प्रयासों को लेकर महिला पर्यवेक्षिका अर्चना कुमारी ने बताया शोभा विभाग द्वारा दिए गए सुझावों/प्रशिक्षणों का पालन करती हैं| साथ हीं इसमें वो मानवीय मूल्यों को शामिल कर परिणामों में परिणत करवाकर व्यवहार परिवर्तन की कहानी गढ़ने में सभी से आगे निकल जाती हैं | इनका कार्य हमेशा से सराहनीय रहा है |
शोभा की कार्य शैली से क्षेत्र के बच्चों व महिलाओं में स्वस्थ व्यवहारों का प्रभाव है
इस सम्बन्ध में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी निहारिका नीतू ने कहा शोभा की कार्य शैली से क्षेत्र के बच्चों व महिलाओं में स्वस्थ व्यवहारों का प्रभाव है, कुपोषण की स्थिति काफी कम है और अपनी बैठकों में इससे जुड़े मुद्दे को अनिवार्य तौर पर शामिल करने से चूकती नहीं हैं | ये एक बेहतर सम्वादवाहक और समय का अनुपालन करने वाली सेविका हैं |