जिले के नवनियुक्त एएनएम को टीबी को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

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–तीन दिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन अमरपुर, बौंसी, चांदन और फुल्लीडुमर के एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण
-गुरुवार और शुक्रवार को भी जिले के बचे हुए चार-चार प्रखंडों के नवनियुक्त एएनएम को दिया जाएगा प्रशिक्षण
बांका-
पुराना सदर अस्पताल स्थित फार्मेसी कॉलेज में मंगलवार को जिले के नवनियुक्त एएनएम को टीबी को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। तीनदिवसीय प्रशिक्षण के पहले दिन अमरपुर, फुल्लीडुमर, बौंसी और चांदन प्रखंड के एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दूसरे और तीसरे दिन भी चार-चार प्रखंडों के एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का आयोजन जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सोहेल अंजुम की अध्यक्षता में किया गया। मौके पर जिला ड्रग इंचार्ज और मास्टर ट्रेनर राजदेव राय, बांका एसटीएस शिवरंजन कुमार, अमरपुर एसटीएस अभिनंदन प्रसाद और एसटीएस कटोरिया सुनील कुमार भी मौजूद थे। ट्रेनिंग देने का काम तीनों एसटीएस ने किया।
जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. सोहेल अंजुम ने बताया कि जिले में टीबी मरीजों की खोज को तेज किया जाएगा। मरीजों की खोज के बाद उनकी जांच और इलाज की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जिला 2025 तक टीबी से मुफ्त हो सके। इसी सिलसिले में नवनियुक्त एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें उन्हें टीबी की पहचान के तरीके और उसकी जांच व इलाज की व्यवस्था के बारे में बताया गया। गुरुवार और शुक्रवार को भी जिले के अन्य प्रखंडों के नवनियुक्त एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बुधवार को टीकाकरण होता है, इसलिए उस दिन प्रशिक्षण नहीं रखा गया है।
इलाज जल्द शुरू होने से मरीज जल्द होता है ठीक: डॉ. सोहेल अंजुम ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज मुफ्त में होता  है। साथ में दवा भी मुफ्त में दी  जाती  है। इसके अलावा जब तक मरीजों का इलाज चलता  तब तक उसे पांच सौ रुपये प्रति माह की राशि पौष्टिक आहार के लिए दी जाती है। मेरी  लोगों से यही अपील है कि अगर किसी में टीबी के लक्षण दिखाई दे तो उसे जांच के लिए नजदीकी  सरकारी स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए ले जाएं। वहां पर अगर जांच में पुष्टि होती है तो तत्काल उसका इलाज शुरू करें। जितना जल्द टीबी का इलाज शुरू होगा,उतना ही जल्द मरीज स्वस्थ होंगे।