• परिवार नियोजन कार्यक्रम पर बैठक का हुआ आयोजन
• राज्य में 37 सेहत केंद्र है संचालित
• पापुलेशन काउंसिल के तत्वावधान में हुआ बैठक का आयोजन
पटना-
“ परिवार नियोजन अभियान को और सशक्त बनाने में अब जीविका दीदियाँ सरकार का सहयोग करेंगी. जीविका समूह की दीदियों की समुदाय में पहुँच को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. समूह की कम्युनिटी मोबिलाईजर (सी एम ) एवं कम्युनिटी न्यूट्रीशन रिसोर्स पर्सन (सी एन आर पी ) परिवार नियोजन के साधनों के उपयोगिता का संदेश समुदाय से साझा करेंगी एवं उन्हें इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करेंगी”, उक्त बातें राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, परिवार नियोजन, डॉ. मोहम्मद सज्जाद ने पापुलेशन काउंसिल के तत्वावधान में आयोजित परिवार नियोजन कार्यक्रम पर बैठक में कही. बैठक में केयर इंडिया की टीम की भी अहम् भूमिका रही जिन्होंने परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों की जमीनी स्तर पर क्रियानव्यन की जानकारी दी. बैठक में विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और अपनी बात रखी.
राज्य में 37 सेहत केंद्र हैं संचालित:
डॉ. सज्जाद ने बताया कि परिवार नियोजन के अभियान को सफल बनाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसे देखते हुए राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों में सेहत केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. यहाँ युवाओं को सेहत एवं प्रजनन स्वास्थ्य स्वास्थ्य से जुडी जानकारी उपलब्ध करायी जाती है. डॉ. सज्जाद ने बताया कि राज्य में अभी कुल प्रजनन दर 3 प्रतिशत है जो की राष्ट्रीय औसत 2.1 से अधिक है. कुल प्रजनन दर को और नीचे लाने के लिए युवाओं के साथ सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरुरत है. हर महीने की 21 तारीख को सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन दिवस मनाया जाता है जहाँ लाभार्थियों का उन्मुखीकरण किया जाता है.
फ्रंट लाइन वर्कर्स की भूमिका अहम्:
बैठक को संबोधित करते हुए केयर इंडिया की परिवार नियोजन कार्यक्रम की राज्य पदाधिकारी डॉ. पद्मा ने बताया कि राज्य में सभी आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया जा रहा है जिससे परिवार नियोजन के साधनों एवं इसके लाभ के संदेश को वह सटीक तरीके से समुदाय से साझा कर सकें. डॉ. पद्मा ने बताया कि परिवार नियोजन साधनों को अपनाने के बारे में समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने की जरुरत है और इसमें फ्रंट लाइन वर्कर्स की भूमिका अहम् है.
बैठक के दौरान केयर की टीम की तरफ से बताया गया कि नवीन गर्भनिरोधक “ छाया ” की महिलाएं सहजता से स्वीकार कर इसके उपयोग कर रहीं हैं. इसे दर्शाने के लिए आंकड़ों के साथ एक विडियो भी बैठक में शामिल लोगों को दिखाया गया. बैठक का संचालन पापुलेशन काउंसिल की तरफ दे डॉ. राजीब आचार्या ने किया.