-सभी प्रखंडों में सीएचओ, एसटीएस व एएनएम जा रहीं घर-घर
-2025 तक जिला को टीबी मुक्त बनाने के लिए अभियान तेज
बांका, 14 अप्रैल –
जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाने के अभियान को तेज कर दिया गया है। अभी कई स्तरों पर टीबी मरीजों की खोज हो रही है। कोरोना से पीड़ित परिवार, पांच साल पहले जिसके घर में टीबी का मरीज हो और इसके साथ-साथ शुगर या अन्य बीमारी से पीड़ित परिवारों के घर पर सीएचओ, एसटीएस और एएनएन लोगों की जांच कर रही हैं। यह अभियान जिले के सभी प्रखंडों में चल रहा है। जांच के दौरान यदि कोई संदिग्ध मिलता है तो उसकी तत्काल जांच की जाती है। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो उसे दवा के साथ पौष्टिक आहार के लिए राशि भी दी जा रही है। सीडीओ डॉ. उमेश नंदन प्रसाद सिन्हा ने बताया कि 24 मार्च से 15 अप्रैल तक टीबी मरीजों की खोज के लिए हर स्तर पर सघन अभियान चलाया जा रहा है। जिसके घर पर पहले से ही टीबी के मरीज हैं, उस घर के सभी लोगों की जांच की जा रही है। साथ में घर के वैसे सदस्य जिन्हें टीबी नहीं भी है, उसे दवा दी जा रही है, ताकि उस व्यक्ति में टीबी नहीं फैल सके। इसके अलावा जिसके घर में कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति रहा हो या फिर शुगर या अन्य बीमारी से पीड़ित कोई है तो उसके घर पर भी जांच की जा रही है।
घर के सभी सदस्यों की हो रही जांचः जिला ड्रग इंचार्ज राजदेव राय कहते हैं कि जिसके घर में पिछले दिनों कोरोना के मरीज निकला और अभी वह ठीक है, इसके बावजूद उस घर के सभी लोगों की जांच की जा रही है। इसी तरह शुगर और पांच साल पहले तक जिसके घर में टीबी के मरीज थे, उनके घर के भी एक-एक सदस्यों की जांच की जा रही है। नए टीबी मरीजों को विभाग की तरफ से दवा के साथ पांच सौ रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार के लिए दिया जाएगा, इस बात की जानकारी भी लोगों को दी जा रही है। इसके साथ-साथ कोई भी व्यक्ति अगर टीबी मरीज की सूचना देते हैं तो उसे भी पांच सौ रुपये विभाग की ओऱ से दिया जा रहा है। टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए विभाग हर कदम उठा रहा है। सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता से ही टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
सरकारी अस्पतालों में जांच से लेकर इलाज तक की सुविधा मुफ्तः राजदेव राय ने बताया कि 15 अप्रैल तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिये टीबी मरीजों की लगातार खोज हो रही है। इसके अलावा जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच से लेकर इलाज तक की मुफ्त व्यवस्था है। हमलोग इस बात को सामुदायिक स्तर पर फैला रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर टीबी मरीजों की खोज के दौरान टीबी के लक्षण और बचाव की भी जानकारी दी जा रही है। लोगों के टीबी से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। साथ ही टीबी से बचने के लिए सही पोषण लेने के बारे में बताया जा रहा है। समाज को टीबी से मुक्त करने के लिए लोगों को शपथ भी दिलाई जा रही है। लोगों से कहा जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति टीबी का संदिग्ध मिलता है तो उसे तत्काल सरकारी अस्पताल लेकर जांच करवाएं।