पुणे: सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट में विश्व पुस्तक दिवस और कॉपीराइट दिवस मनाया गया. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके संस्थान के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने समकालीन विषयों पर किताबें पढ़ीं. किताब दिन को अनोखे तरीके से मनाते हुए, कर्मचारियों ने अपने ज्ञान को बढ़ाया. पठन संस्कृति को हमारे जीवन का अभिन्न अंग होना चाहिए, ऐसे संस्था के संस्थापक अध्यक्ष प्रा.डॉ संजय चोरडिया ने बताया.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी और समूह निदेशक प्रा. डॉ. शैलेश कासंडे ने मार्गदर्शन किया. उन्होंने आपको जीवन में अप-टू-डेट रखने के लिए अपने पेशे के साथ ही अतिरिक्त पुस्तकों को पढ़ने के महत्व के बारे में बताया . साहित्यिक चोरी, कॉपीराइट, लाइसेंस आदि के बारे में मार्गदर्शन किया. संस्था से जुड़े विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों के ५० से अधिक कर्मचारियों ने सामूहिक पुस्तक पढ़ने में भाग लिया. प्रा. संदीप जैन ने इस आयोजन का समन्वय किया और ध्यान रखा कि सोशल डिस्टेंसिंग सख्ती से रखा जाएगा.
किताबों की बैटरी कभी ‘डिस्चार्ज’ नहीं होती इसलिए प्रौद्योगिकी और गैजेट्स के उपयोग के साथ ही मन और शरीर को आराम और ऊर्जा देने के लिए किताब पढ़ना जरुरी है. ऐसा संस्था के संस्थापक अध्यक्ष प्रा.डॉ.संजय चोरडिया ने कहा. पढ़ना ये बुवाई है तो लिखना खिलना है, क्या खिलेगा इस चिंता में रहोगे तो बुवाई करना भूल जाओगे. एक दिन लोग बुवाई के लिए वही लेकर जाएंगे जो तुम्हारी खेती में खिला हो.
बौद्धिक संपदा सलाहकार और एएम लीगल एसोसिएट्स के संस्थापक, सलाहकार आनंद महुरकर ने भारत में कॉपीराइट और इनोव्हेशन के महत्व पर छात्रों और कर्मचारियों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने उल्लेख किया कि बौद्धिक संपदा शाश्वत और मूल्यवान है.’सूर्यदत्ता’ में, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को एक घंटा पढ़ने के लिए देनेवाले है. स्कूल-कॉलेज शुरू होने के बाद छात्रों के लिए एक घंटा पढ़ना पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा जिससे उन्हें पढ़ने को प्रोत्साहन मिलेगा.
प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने आगे कहा, ” सूर्यदत्ता एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा संचालित सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट नियमित रूप से कर्मचारियों, छात्रों और संस्था से जुड़े लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का प्रयास करता है. पिछले दो दशकों से सूर्यदत्ता सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए काम कर रहा है.”
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस
1995 से, यूनेस्को ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया है. यह दिन लगभग 100 देशों में मनाया जाता है. इस दिन को किताबों से दोस्ती करने, पढ़ने के लिए, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक अवसर के रूप में मनाया जा रहा है. यह एक ऐसी कड़ी है जो कई पीढ़ियों को जोड़ती है. कई प्रसिद्ध लेखकों की वर्षगांठ भी इस दिन मनाई जाती है. उनमें विलियम शेक्सपियर, राइस ड्रोन, हेल्डोर लैक्नेस, व्लादिमीर नाबोकोव, जोसेफ प्ला, मैनुअल वलेजो और अन्य शामिल हैं. यह दिन बच्चों में पढ़ने को प्रोत्साहित करने और उन्हें तंत्रज्ञान के अति उपयोग से दूर रखने के उद्देश्य से यह दिन महत्वपूर्ण है.