• समाज के जागरूक लोग लोगों से अभियान में सहयोग की कर रहे हैं अपील
• जिले के 31 लाख लोगों को खिलायी जानी है डीईसी व अल्बेंडाजोल की गोली
भागलपुर, 5 अक्टूबर-
जिले में अभी एमडीए (मास ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान का दूसरा चरण चल रहा है। इसके तहत जिले के 31 लाख लोगों को दवा खिलानी है। पहला चरण 20 से 23 अक्टूबर तक चला। इस अभियान के तहत फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की दवा खिला रही हैं। जहां पर आशा कार्यकर्ता नहीं हैं, वहां पर आंगनबाड़ी सेविका या फिर प्रेरक भी इस काम को कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के इस अभियान को समाज के प्रबुद्ध लोगों का भी सहयोग मिल रहा है।
हर किसी को दवा लेना जरूरी
खरीक प्रखंड की तेलघी पंचायत के निवर्तमान वार्ड सदस्य अली अहमद वारसी कहते हैं कि सरकार के इस अभियान में लोगों को बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभानी चाहिए। आखिर सरकार हमारे कल्याण के लिए ही तो यह अभियान चला रही है। मैं कोशिश करूंगा कि मेरे क्षेत्र के सभी लोग दवा ले लें। मीरजाफरी स्थित उर्दू मध्य विद्यालय के शिक्षक शंभू दास कहते हैं कि फाइलेरिया जैसी बीमारी लोगों को नहीं हो, इसे लेकर हर किसी को दवा लेना जरूरी है। मैं इसे लेकर लगातार लोगों को जागरूक कर रहा हूं। जब तक अभियान चलेगा, कोशिश करूंगा कि मेरे जानकार सभी लोग यह दवा ले लें। भाजपा नेता रमीज राजा कहते हैं कि सरकार के साथ आमलोगों को भी अभियान को सफल बनाने के लिए आगे आना चाहिए। किसी भी अभियान में अगर आम लोग शामिल हो जाते हैं तो वह पूरी तरह से सफल हो जाता है। इसलिए सभी लोग जरूर डीईसी और अल्बेंडाजोल की दवा ले लें। प्राथमिक मध्य विद्यालय, नगरह के शिक्षक तौफीक आलम कहते हैं कि पढ़ाने के साथ-साथ मेरी जिम्मेदारी लोगों को जागरूक भी करना है। इसलिए मैं तो आमलोगों को जरूर डीईसी और अल्बेंडाजोल दी गोली लेने के लिए कहूंगा।
दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलायी जा रही
जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि अभियान के दौरान दो से पांच वर्ष के बच्चों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की एक गोली, छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली और 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन और अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जा रही है। अल्बेंडाजोल की गोली लोगों को चबाकर खानी है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जा रही है। साथ ही गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी दवा नहीं खिलाई जा रही है। दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफ़ेक्ट सामान्य होते हैं, जो प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरियाः
जिला मलेरिया पदाधिकारी (डीएमओ) ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। क्यूलेक्स मच्छर घरों के दूषित स्थलों, छतों और आसपास लगे हुए पानी में पाया जाता है। इससे बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने देना चाहिए। घर के आसपास साफ-सफाई रखना चाहिए। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें, इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।