बच्चों का सर्वांगीण विकास करना विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य : केशवेंद्र कुमार 

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पटना/ 7, दिसम्बर: आयुष्मान भारत अंतर्गत विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम से संबंधित जिला साधन सेवियों का पाँच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का शुभारंभ राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, शेखपुरा, पटना  में दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। विद्यालय जाने वाले बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) का एक संयुक्त पहल है। प्रशिक्षण में राज्य के 5 जिले अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगुसराय एवं खगड़िया से शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षक के रूप में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं सहयोगी संस्था यूएनएफपीए केयर इंडिया, इनजेंडर हेल्थ तथा सी 3 के पदाधिकारी योगदान दे रहे हैं।
केशवेन्द्र कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार  ने अपने संबोधन में कहा कि यह किसी एक विभाग का कार्यक्रम नहीं है बल्कि बच्चों का कार्यक्रम है। हमारा मुख्य लक्ष्य बच्चों का सर्वांगिण विकास करना है। जब भी हम बच्चों से केवल स्वास्थ्य को लेकर बात करते हैं तो बच्चे रूचि नहीं लेते हैं, हमें उनके रूचि के अनुसार बात करनी चाहिए। यह भारत सरकार का बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। अभी राज्य के 14 जिलों में विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्रियान्वन हो रहा है। आने वाले एक-दो वर्ष में हमलोग राज्य के सभी जिलों में इस कार्यक्रम को क्रियान्वित करेंगे ।
विजय कुमार हिमांशु, निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी, पटना ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि यह कार्यक्रम न केवल शिक्षा विभाग और न ही स्वास्थ्य विभाग का है बल्कि हम सबका कार्यक्रम है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जिस जिला में स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के जिला स्तर के पदाधिकारियों का समन्वय बेहतर होता है। वहाँ प्रखंड स्तर पर भी दोनों विभाग के पदाधिकारियों का भी समन्वय देखने को मिलता है और विद्यालय में भी कार्यक्रम का सफल क्रियावयन होता है। उन्होंने प्रतिभागियों को जिला में  बेहतर समन्वय बनाने पर बल दिया ।