बांका जिले में अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाने के अभियान में आई तेजी

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–अभी तक जिले के लगभग 13 लाख लोग खा चुके हैं अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली
–जिले में 10 फरवरी से चल रहा अभियान, 24 लाख लोगों को गोली खिलाने का है लक्ष्य
बांका, 20 फरवरी-
जिले में फाइलेरिया को लेकर 10 फरवरी से  एमडीए अभियान शुरू हुआ है। इसके तहत जिले के 24 लाख लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाए जाने का लक्ष्य है। अभी तक जिले की लगभग 13 लाख की आबादी को अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जा चुकी है। यानी कि आधे से अधिक आबादी को दवा खिला दी गई है। प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने कहा कि अभियान अभी कुछ दिन और चलेगा और हमलोग लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। लोगों को दवा खिलाने को लेकर लगातार अभियान चल रहा है। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ी है। इस कारण आमलोग भी इसमें सहयोग कर रहे हैं। दवा खिलाने वाले टीम का कार्य भी काफी संतोषप्रद था।
अधिकारी लगातार कर रहे क्षेत्र का दौराः एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार दौरा कर रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मियों को जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं। सोमवार को वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल औऱ केयर इंडिया के डीपीओ ओमप्रसाद नायक ने रजौन, धोरैया औ बाराहाट प्रखंड का दौरा किया और  अभियान के बारे में जानकारी ली। दोनों ने अभियान में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों से जरूरी जानकारी ली। आरिफ इकबाल कहते हैं कि हमलोग अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मियों को सामने ही दवा खिलाने के कहा जा रहा है। दवा सामने खाने से ज्यादा अच्छा रहता है। यदि कोई समस्या भी होगी तो तत्काल उसका समाधान किया जाएगा। धोरैया में प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक उद्धव कुमार भी साथ में थे।
दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को खिलाई जा रही गोलीः डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि जिले में अभी फाइलेरिया को लेकर एमडीए अभियान चल रहा है। इसके तहत दो वर्ष अधिक उम्र के लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जा रही है। अभियान के दौरान दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जा रही है। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जा रही है। 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जा रही है। इसके अलावा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जा रही है। साथ ही दवा भूखे पेट नहीं खिलाई जायेगी। इसके अलावा सामने ही दवा खिलाने का निर्देश स्वास्थकर्मियों को दिया गया है। अभियान के दौरान इन बातों का ध्यान रखा जाना है।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए।