– स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पत्र जारी कर सभी आयुक्त, डीएम और सिविल सर्जन को दिए निर्देश
– अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए मृतक के आश्रितों को पर्याप्त साक्ष्य के साथ आवेदन कर करना होगा दावा
मुंगेर, 14 मार्च-
कोरोना वायरस के संक्रमण से मृत लोगों के आश्रितों को मृत्यु के उपरांत मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि मिलने में अब कोई बाधा नहीं होगी। जिनका तकनीकी या फिर किसी अन्य कारणों से बिहार कोविड पोर्टल पर नाम दर्ज नहीं हो पाया हो उनके परिजनों को भी अनुदान राशि प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं होगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र जारी कर राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी और सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। जिसके अनुसार यदि किसी कोरोना से मृत हुए व्यक्ति का नाम किसी कारणवश बिहार कोविड पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पाया हो किन्तु, मृतक के आश्रितों के पास पर्याप्त साक्ष्य है तो ऐसे लाभार्थियों को अविलंब अनुग्रह अनुदान योजना की राशि उपलब्ध करायी जाएगी।
– सभी लाभार्थियों को सुविधा जनक तरीके से मिलेगी राशि :
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि ने बताया कि जिन मृतक का किसी भी कारण बिहार कोविड पोर्टल पर नाम नहीं दर्ज हो पाया है, उनके भी आश्रितों को राशि उपलब्ध कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। ताकि ऐसे सभी लाभार्थियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सुविधाजनक तरीके से अनुग्रह अनुदान राशि मिल सके। यह लाभ कोविड की तीनों लहरों में मृत हुए व्यक्तियों के आश्रितों को दी जाएगी।
– अनुग्रह अनुदान राशि के रूप में मिलते हैं साढ़े चार लाख रुपये :
उन्होंने बताया कि कोरोना से मृत हुए लोगों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान योजना के तहत साढ़े चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है। बिहार राज्य में कोरोना संक्रमण से मृत व्यक्तियों के निकटतम आश्रितों के अनुग्रह अनुदान राशि संबंधी दावा या आवेदनों के वैसे सभी मामले, जिनमें यह निश्चित हो कि व्यक्ति की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है और इसका पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध है भले ही किसी कारणवश पोर्टल पर मृतक का नाम दर्ज नहीं हो पाया हो, उनकी सम्यक समीक्षा कर सूची राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार को अविलंब उपलब्ध करायी जानी है। ताकि ऐसे मामलों की जल्द से जल्द अनुदान राशि के भुगतान संबंधी कार्रवाई की जा सके।