– बदलते मौसम में नवजातों का रखें विशेष ख्याल और अनावश्यक परेशानियों से रहें दूर
– थोड़ी सी लापरवाही बन सकती है बड़ी मुसीबत, स्वास्थ्य के प्रति रहें सजग
खगड़िया, 15 अप्रैल।
तापमान में हो रही बेतहाशा वृद्धि के कारण गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जिसके कारण मौसमी बीमारियों की संभावना बढ़ गई है। पिछले कई दिनों से दिन में लू व आग बरसाती धूप और रात में अचानक तापमान में आ रही गिरावट के कारण लगातार मौसम में बदलाव हो रहा है। ऐसे में सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। ताकि मौसमी बीमारियों से दूर रह सकें। अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत बन सकती है। इन बदलते मौसम में खासकर नवजातों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। क्योंकि, युवाओं के सापेक्ष नवजात और बुजुर्गों की रोग-प्रतिकारक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए, नवजात और बुजुर्गों के खान-पान समेत अन्य दिनचर्या का ख्याल रखने की जरूरत है।
– पौष्टिक आहार का करें सेवन, मौसमी बीमारियों से रहेंगे दूर :
खगड़िया सदर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ राजीव रंजन ने बताया, मौसम में लगातार बदलाव होने से लोगों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि, थोड़ी सी लापरवाही भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। मौसमी बीमारी से बचाव के लिए पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। साथ ही इस बदलते मौसम में नवजातों व बुजुर्गों का भी विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। इसके अलावा इस मौसम में स्वस्थ शरीर के लिए साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखें। दरअसल, साफ-सफाई हमें ना सिर्फ मौसमी बीमारियों से बचाती है बल्कि, हर संक्रामक बीमारी से भी दूर रखती । साथ में स्वस्थ शरीर निर्माण में भी सहयोग करती है।
– बच्चों को धूप में अनावश्यक नहीं निकलने दें बाहर :
लगातार तापमान में हो रही बेतहाशा वृद्धि के कारण मौसमी बीमारियों की संभावना बढ़ गई है। ऐसे में इससे बचाव के लिए हर आयु वर्ग के लोगों को खाली पेट और अनावश्यक घरों से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। अगर निकलते भी हैं तो निश्चित तौर पर खाना खाकर और निकलने के पूर्व नींबू-पानी जरूर ले लें। यह लू व आग बरसाती धूप के प्रभाव से बचाव के लिए काफी हद तक कारगर होगी। साथ ही खासकर बच्चों को अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने दें और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
– नियमित रूप से करें व्यायाम :
बदलते मौसम में स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए व्यायाम पर भी बल दें और नियमित रूप से व्यायाम करें। साथ ही समय पर खाना खाएं। किसी प्रकार की स्वास्थ्य पीड़ा होने पर तुरंत चिकित्सकों से आवश्यक जाँच करानी चाहिए।
– रहन-सहन में भी करें सकारात्मक बदलाव :
मौसमी व संक्रामक बीमारी से दूर रहने के लिए पूर्व की भाँति रहन-सहन में भी सकारात्मक बदलाव करें। इसके लिए शौचालय, बाथरूम समेत घर के अन्य जगहों की नियमित साफ-सफाई करें। आवश्यकतानुसार ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराएं। घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें। कूड़ेदान का उपयोग करें।