समय से पूर्व जन्म लेने वाले शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए कंगारू मदर केयर का पालन जरूरी 

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– शिशु को माँ के सीने से चिपकाने से शिशु में होती गर्माहट
– धड़कन सुनकर शिशु को राहत का होता है एहसास, मिलता है आराम
लखीसराय, 01 मार्च-
समय के पूर्व जन्म लेने वाले शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए कंगारू मदर केयर का पालन करना बहुत जरूरी है। दरअसल, समय से पूर्व जन्म लेने वाले शिशु का ना सिर्फ वजन कम होता बल्कि, ऐसे शिशु जन्म लेने के बाद भी कई तरह की समस्याओं से घिर जाते हैं। ऐसे शिशु के  स्वस्थ्य शरीर निर्माण के लिए विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए कंगारू मदर केयर तरीके को अपनाना सबसे आसान एवं बेहतर उपाय है। इस उपाय को अपनाने से ना सिर्फ शिशु स्वस्थ्य होता बल्कि, शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूत होता है।
– बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास का होता है निर्माण :       सिविल सर्जन  डॉ देवेन्द्र चौधरी ने बताया कंगारू मदर केयर बच्चों में मानसिक एवं शारीरिक विकास के निर्माण करने में काफी सहयोग करता है। बच्चा जब अपने माँ के नजदीक रहता तो माँ और बच्चे के बीच भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है। यह बिना खर्च का सबसे अच्छा उपाय है।
– क्या है कंगारू मदर केयर, इसका उपयोग किस तरह होता है :
कंगारू मदर केयर एक ऐसा उपाय है जो कम वजन के साथ जन्म लेने वाले शिशु के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए अपनाया जाता है। इससे शिशु का वजन बढ़ता है। स्तनपान बेहतर होता है। बच्चे का तापमान सही रहता और वह संक्रमण से दूर रहता है। बच्चे और माँ के बीच रिश्ता मजबूत होता है। इसमें माँ अपने सीने पर सीधे पोजिशन में शिशु को चिपकाकर रखती हैं। इस स्थिति में माँ की छाती पूरी तरह खुली होनी चाहिए। जिससे माँ की शरीर की गर्माहट आसानी से और जल्दी शिशु में स्थानांतरित हो सके। इससे शिशु का तापमान सही रहता है। कंगारू मदर केयर माँ के अलावा पिता व परिवार के अन्य सदस्य भी दे सकते हैं। सिर्फ इस दौरान इस बात का ख्याल रखना है कि शिशु को कंगारू मदर केयर की सुविधा देने वाले स्वस्थ्य हों।
– कंगारू मदर केयर अपनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भी किया जाता है जागरूक :
समय पूर्व जन्म लेने वाले शिशु और जन्म के पश्चात शारीरिक पीड़ा से ग्रसित शिशु के परिजनों को एएनएम, आशा, केयर इंडिया के कर्मियों एवं स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अन्य कर्मियों द्वारा भी कंगारू मदर केयर तकनीक को अपनाने के लिए जागरूक किया जाता है। दरअसल, यह तकनीक बिना खर्च का सबसे आसान और बेहतर उपाय है। इसके अलावा ऐसे शिशु का गृह भ्रमण कर भी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा देखभाल एवं आवश्यक मॉनिटरिंग की जाती है। ताकि शिशु को किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी होने पर उनका समय पर उचित उपचार हो सके और बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।
– इन बातों का रखें ख्याल :-
– बच्चे को साफ हाथों से ही छूएं।
– यदि माँ बुखार, सर्दी या खाँसी से पीड़ित हो तो शिशु को कंगारू मदर केयर नहीं दें।
– घर के कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति नवजात को कंगारू मदर केयर प्रदान कर सकते हैं।