पटना / 10 दिसम्बर
शुक्रवार को अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर सहयोगी संस्था द्वारा इब्तिदा नेटवर्क के सहयोग से महिला हिंसा के विरुद्ध आवाज बुलंद कर उन्हें समान अधिकार दिलाने की पहल करने वाले वाले पुरुषों को सम्मानित किया गया. राजकृत उच्च विद्यालय, पैनाल, बिहटा में एक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह सम्मान दिया गया. जिसमें स्थानीय विधायक माननीय भाई वीरेन्द्र ने भी सामजिक बदलाव के सूत्रधारों को सम्मानित किया. इस दौरान बड़ी संख्या में विद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, पंचायत प्रतिनिधियों तथा स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
8 लोगों को मिला सम्मान:
इस दौरान बिहटा प्रखंड के 8 लोगों को सम्मान दिया गया. जिसमें पैनाल पंचायत के सुनील पंडित, शत्रुध्न पंडित, निलेश कुमार एवं देव प्रकाश साव शामिल थे. वहीं दौलतपुर सिमारी पंचायत के खुर्शीद आलम, आनंदपुर पंचायत के धनेश्वर ठाकुर एवं कृष्ण राय एवं पुरशोतमपुर पैनाठी के लालदेव यादव को सम्मानित किया गया.
महिला हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव को दूर करने में परिवार की भूमिका:
स्थानीय विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि महिलाओं पर हो रही हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव सामाजिक उत्थान में सबसे बड़ी बाधक है. इसके लिए जरुरी है कि यहां बैठे अभिवावक इसके प्रति संवदेनशील हों और इसके दुष्प्रभाव को समझें. घरों में बच्चे जो देखते हैं वे वही सीखते भी हैं. इसलिए परिवार के लोगों की जिम्मेदारी है कि वह अपने घर की लड़कियों एवं महिलाओं के साथ किसी तरह का भेदभाव न करें. उन्होंने इस दिशा में सहयोगी संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि उन्हें सामाजिक कुरोतियों के खिलाफ़ आवाज बुलंद करने वालों को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया. उन्होंने कहा कि चाहे घरेलू हिंसा हो या लिंग आधारित भेदभाव हो दोनों के खिलाफ़ एकजुट होकर आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने सहयोगी संस्था से भविष्य में भी ऐसी सामाजिक चुनौतियों पर कार्य करते रहने की अपील की.
हेल्पलाइन नंबर है कारगर:
सरपंच बबिता देवी ने सहयोगी संस्था को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनके सहयोग से विद्यालय की लड़कियों का उत्साह बढ़ा है. वे मानवाधिकार दिवस के दिन के अपने अधिकारों को बेहतर तरीके से समझी हैं. उन्होंने कहा कि महिला हिंसा की रोकथाम के लिए 181, 1090 हेल्पलाइन नंबर की सुविधा उपलब्ध है.इस नम्बर को सभी लड़कियों को याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा जब आप हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते हैं और वो आपकी बात नहीं सुनते हैं. तो आप उनकी बातों को रिकॉर्ड करके शिकायत भी कर सकते हैं और हमारे पंचायत में किसी भी लड़की को किसी प्रकार की दिक्कत होती है हम आप सब के लिए हमेशा उपस्थित हैं.
लड़कियों की शिक्षा है जरुरी:
इस मौके पर सहयोगी संस्था की निदेशिका रजनी ने कहा कि आमतौर पर यह देखा जाता है कि पुरुष या लड़के घर के काम-काज में कोई योगदान नहीं करते हैं. वे अपने परिवार के लिए केवल आय कमाने भर को अपनी जिम्मेवारी समझते हैं. आज के आधुनिक समाज में भी पुरुष अपने घर की महिलाओं-लड़कियों को बाहर नहीं निकलने देना चाहते हैं. जबकि आज सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन किया है. पढाई या खेलकूद में भी लड़कियों ने भी अपना नाम रोशन किया है. ऐसे पुरुषों ने, जिन्होंने सकारात्मक पहल किया है, उन्हें सम्मानित कर हम यह स्पष्ट सन्देश देना चाहते हैं कि उन्होंने घर-समाज में बेहतर संतुलन बनाने का काम किया है. हमारा यह अनुभव है कि जिस घर में लडकियाँ-महिलाएँ शिक्षित हैं और रोजी-रोजगार में अपना योगदान देतीं हैं, उस घर-परिवार का रहन-सहन बहुत बेहतर होता है. इन पुरुषों ने अपनी शिक्षा और आय-सृजन के साथ घर के कामों में भी अपना हाथ बँटाया. उन्होंने आगे कहा कि आज अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हम सभी इस बात के लिए कृतसंकल्प हों कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा एवं सम्मान करें, जिससे हमारा संतुलित विकास हो एवं सभी के अधिकारों की सुरक्षा हो सके एवं समाज हिंसा मुक्त हो.
कार्यक्रम में उन्नति, उषा, संजू, बिंदु, निर्मला, रिंकी, रूबी, मुन्नी, लाजवंती, मनोज, धर्मेन्द्र, नितीश एवं सुरेन्द्र ने भी भाग लिया।