– मुसकीपुर गाँव पहुँच मरीजों से की मुलाकात, स्वास्थ्य सुविधाओं की ली जानकारी
– कालाजार और फाइलेरिया से संबंधित एक-एक बिंदु की विस्तार से ली जानकारी
खगड़िया, 10 फरवरी-
गुरुवार को पटना से आई स्टेट टीम गोगरी रेफरल अस्पताल पहुँची। जहाँ केयर इंडिया के कालाजार और फाइलेरिया की स्टेट प्रोग्राम मैनेजर प्रीति कुमारी के नेतृत्व में कालाजार और फाइलेरिया से संबंधित विस्तृत जानकारी ली गई। इस दौरान कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन को जिले में चल रही तमाम गतिविधियों, मरीजों की संख्या, मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधा समेत अन्य तमाम जानकारियाँ ली गई। इसके बाद दोनों बीमारियों की रोकथाम के लिए बेहतर से बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कराने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान कालाजार और फाइलेरिया से संबंधित संधारित एक-एक पंजी का अवलोकन किया गया और एक-एक बिंदु की जानकारी ली गई। जिसके बाद आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। इस दौरान अस्पताल की अन्य सुविधाओं की भी जानकारी ली गयी। इस मौके पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ चंद्र प्रकाश, भीडीसीओ शहनवाज आलम, केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती समेत अन्य पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे।
– मरीजों से मुलाकात कर मिल रही स्वास्थ्य सुविधा का ली जानकारी :
अस्पताल निरीक्षण के बाद टीम मुसकीपुर गाँव पहुँची। जहाँ घर-घर जाकर कालाजार और फाइलेरिया से पीड़ित मरीजों से मुलाकात की। इस दौरान मरीजों का स्वास्थ्य अवलोकन किया गया और सरकारी स्तर से मिल रही स्वास्थ्य सुविधा की भी जानकारी ली गई। मरीजों को इस बीमारी से बचाव के लिए नियमित रूप से दवाई का सेवन, चिकित्सा परामर्श का पालन करने समेत अन्य जानकारियाँ दी गई। साथ ही किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा होने पर तुरंत स्थानीय अस्पताल से संपर्क करने के लिए प्रेरित किया गया।
– कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर चलाई जा रही तमाम योजना :
गोगरी रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ चंद्र प्रकाश एवं केयर इंडिया के डीपीओ कृष्ण कुमार भारती ने संयुक्त रूप से बताया, कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन को सरकार द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसके माध्यम से घर-घर कालाजार मरीज खोज अभियान चलाकर मरीजों को चिह्नित किया जाता है। इस दौरान संक्रमित मिलने वालों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। वहीं, एमडीए अभियान के तहत फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाव के लिए लोगों को लोगों जरूरी दवाई का सेवन कराया जाता है। इसके अलावा अन्य तमाम गतिविधि का आयोजन कर लोगों को दोनों बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जाता है। इस दौरान आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दी जाती है। साथ ही अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी दी जाती है। ताकि जरूरत पड़ने मरीज सुविधाजनक तरीके से सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ ले सके।