– विश्व टीबी दिवस 24 मार्च से आगामी 13 अप्रैल तक टीबी रोगियों की खोज के लिए चलेगा अभियान
– आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने सभी जिलों के सिविल सर्जन और सीडीओ को जारी किया पत्र
मुंगेर-
अब प्रत्येक महीने की 16 तारीख को जिला भर के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस मनाया जाएगा । इस आशय की जानकारी जिला संचारी रोग पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ.ध्रुव कुमार शाह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक महीने की 16 तारीख को जिला भर के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस के अवसर राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस दिन संभावित रोगियों के लक्षणों की जांच की जाएगी। टीबी के लक्षण से युक्त व्यक्तियों का नजदीक के प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से एक्स- रे तथा बलगम की जांच करवाई जाएगी। जांच में टीबी रोग की पुष्टि होने पर एक सप्ताह के अंदर टीबी की दवा प्रारंभ की जाएगी । इसके साथ- साथ निक्षय पोर्टल पर टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन किया जाएगा । इसके बाद आशा एवम सामुदायिक कार्यकर्ता के माध्यम से बैंक डिटेल प्राप्त कर डायरेक्ट टू बेनिफिसियरी (डीबीटी) के माध्यम से निक्षय पोषण की राशि 500 रुपए प्रति माह के दर से भुगतान सुनिश्चित करवाया जाएगा। इसके साथ- साथ समय – समय पर फॉलोअप जांच, टीबी मरीजों के सम्पर्क में रहने वाले बच्चों एवम व्यस्कों में टीबी निवारक उपचार भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसको ले राज्य स्वास्थ्य समिति में आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शाही ने सभी जिलों के सिविल सर्जन और सीडीओ को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा- निर्देश दिए हैं।
विश्व टीबी दिवस 24 मार्च से आगामी 13 अप्रैल तक टीबी रोगियों की खोज के लिए चलेगा अभियान :
जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक शैलेंदु कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति में आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देशानुसार विश्व टीबी दिवस 24 मार्च से आगामी 13 अप्रैल 2023 तक टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम के अंतर्गत जिला भर के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से टीबी रोगियों की सघन खोज अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान पिछले पांच वर्षों में अधिसूचित टीबी रोगियों एवं उनके संपर्क में रहने वाले बच्चों, व्यस्कों, गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों, एचआईवी के संग जीवन जी रहे लोग, डायबिटीज के मरीज, डायलिसिस करवा रहे किडनी के पुराने मरीजों में टीबी के लक्षणों के आधार पर स्क्रीनिंग की जाएगी। इस दौरान टीबी के लक्षण से युक्त व्यक्तियों का एक्स रे और बलगम की जांच निकटतम पीएचसी/सीएचसी पर की जाएगी । इस दौरान टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग करवाने की पूरी जिम्मेदारी सबंधित आशा कार्यकर्ता और एएनएम की होगी। इसके साथ ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) के द्वारा अपने अपने क्षेत्र की एएनएम एवं आशा कार्यकर्ता के कार्यों का अनुश्रवण भी किया जाएगा।