आंगनबाड़ी केंद्रों में लगाए गए सहजन के पौधे

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पोषण माह के तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुए कार्यक्रम
गर्भवती महिलाओं के साथ बच्चों को भी पोषण के प्रति किया जागरूक
भागलपुर, 4 सितंबर
सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत पूरे महीने हर दिन कोई न कोई कार्यक्रम कर गर्भवती महिलाएं,धात्रीमाताओं, बच्चों व अभिभावकों को सही पोषण के लिए जागरूक किया जा रहा है। शनिवार को पोषण माह के तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पौधरोपण कार्यक्रम किया गया। इसके तहत आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका ने अपने केंद्र पर सहजन के पौधे लगाए। इस दौरान मौके पर लाभुक भी मौजूद थे।
आईसीडीएस के जिला समन्वय अरविंद पांडेय ने बताया कि पोषण माह के तहत जिले के सभी केंद्रों और उसके तहत आने वाले क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शुक्रवार को जागरूकता रैली और शपथ ग्रहण कार्यक्रम किया गया था. वहींशनिवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में पौधरोपण किया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों में पौधरोपण के दौरान क्षेत्र के लाभुक भी मौजूद रहे। इस दौरान सेविका और सहायिका ने लाभुकों को सहजन के पौधे लगाने से क्या-क्या फायदे होते हैं, इसकी जानकारी दी। किन-किन बीमारियों पर सहजन फायदेमंद होता है। इसके पत्ते से कौन-सी बीमारी पर नियंत्रण होता है और फल खाने से कोन-सी बीमारी दूर होती है, इस बारे में भी लाभुकों को बताया गया। इसके बाद लाभुक अपने घर में भी सहजन के पौधे लगाएंगे।
मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रखता है सहजनः नाथनगर प्रखंड की कजरैली पंचायत के तेतरहार गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 80 की सेविका रंजना कुमारी ने भी अपने केंद्र में सहजन का पौधा लगाया। रंजना कहती हैं कि सहजन का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं से लेकर हाइपरटेंशन की बीमारी से पीड़ित लोगों को फायदा होता है। गांव के लोग जानकारी की कमी होने के कारण इस पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। सहजन में भरपूर पोषण तो रहता ही है, साथ ही इसके सेवन से मानसिक तौर पर भी लोग मजबूत होते हैं। गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं के लिए यह बहुत ही फायदेमंद होता है। साथ ही बच्चों के विकास में सहजन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है। गांव के लोग अगर चाहें तो इसे अपने घर में लगा भी सकते हैं। घर में उपजने के बाद इसका अधिक सेवन भी कर सकेंगे और बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगी।
स्वच्छता अभियान के तहत हाथों की धुलाई कराई गईः पोषण अभियान के साथ- सेविका और सहायिक स्वच्छता अभियान भी चला रही हैं। सेविका-सहायिका लोगों के घरों में जाकर हाथ धुलाई के लिए जागरूक कर रही हैं। लोगों से हाथों की धुलाई भी करवा रही हैं। हर दो घंटे पर और बाहर से घर आने पर लोगों को कम-से-कम 20 सेकेंड तक आवश्यक तौर पर हाथों की धुलाई करने के लिए कह रही हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि हाथों की धुलाई से न सिर्फ कोरोना से बचाव होता है, बल्कि दूसरी बीमारी की चपेट में भी नहीं आते हैं। इसलिए स्वच्छता पर ध्यान दें और हाथों की धुलाई नियमित तौर पर करें। स्वच्छ रहने से कई बीमारियों से बचाव होता है।