आरोग्य दिवस: जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य सेवा का किया गया ड्राईरन

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– नियमित और कोविड टीकाकरण का भी हुआ आयोजन, योग्य लाभार्थियों को किया गया टीकाकृत
– गर्भवती महिलाओं और शिशुओं का किया गया नियमित टीकाकरण और योग्य लाभार्थियों को दी गयी कोविड वैक्सीन
लखीसराय, 13 अप्रैल-
आरोग्य दिवस के अवसर पर बुधवार को जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य सेवा का ड्राई रन किया गया। जिसके माध्यम से लोगों को उक्त सेवा का लाभ लेने की तरीके समेत अन्य विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही कोविड वैक्सीनेशन के साथ-साथ नियमित टीकाकरण का भी आयोजन किया गया। जिसके माध्यम से जहाँ गर्भवती एवं शिशु का नियमित टीकाकरण किया गया। वहीं, योग्य लाभार्थियों का कोविड वैक्सीनेशन किया गया। जिसमें प्रीकाॅशनरी डोज और किशोर-किशोरी (12 से 14 आयु वर्ग) लाभार्थियों का प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन किया गया। इस दौरान नियमित टीकाकरण के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को जरूरी सलाह के साथ-साथ गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां के अलावा खान-पान, रहन-सहन समेत सुरक्षित और सामान्य प्रसव को लेकर अन्य आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
– गर्भवती और शिशु के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी :
एसीएमओ सह डीआईओ डाॅ अशोक कुमार भारती ने बताया, सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने एवं शिशु के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए समय पर नियमित टीकाकरण जरूरी है। इसलिए, कोविड के साथ नियमित टीकाकरण टीकाकरण कार्यक्रम का भी आयोजन कर योग्य लाभार्थी का नियमित टीकाकरण भी किया जा रहा है। ताकि ससमय पर नियमित टीकाकरण भी सुनिश्चित हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, नियमित टीकाकरण के दौरान शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाते और गर्भवती को टेटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाता है। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारी से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है।
– संस्थागत प्रसव को लेकर भी किया जाता है जागरूक :
इस दौरान गर्भवती महिलाओं और उनके परिवार वालों को संस्थागत प्रसव को लेकर भी जागरूक किया जाता है। जिसके दौरान यह बताया गया कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव के दौरान सुरक्षा के हर मानकों का ख्याल रखा जाता है। योग्य एवं प्रशिक्षित एएनएम द्वारा चिकित्सकों की मौजूदगी में प्रसव कराया जाता है। इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव को अपनाने के लिए संस्थागत प्रसव को ही प्राथमिकता देने की जरूरत है। साथ ही यह भी बताया गया कि सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जाँच कराना जरूरी है। सरकार द्वारा जाँच के लिए पीएचसी स्तर पर मुफ्त व्यवस्था की गई। ताकि हर गर्भवती महिला आसानी से जाँच करा सकें। हर माह 09 तारीख को पीएचसी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती की जाँच की जाती और चिकित्सकों द्वारा आवश्यक चिकित्सा परामर्श दिया जाता है।