एईएस को लेकर जिलाभर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और  स्वास्थ्य कर्मियों की 8 को होगी कार्यशाला 

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– जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने पत्र जारी कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिए निर्देश
– सदर अस्पताल में आयोजित होगी कार्यशाला
मुंगेर-
एईएस/जेई (मस्तिष्क ज्वर/चमकी बुखार) से निपटने एवं मरीजों को बेहतर से बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग आवश्यक तैयारी में जुट गया है । इसे सार्थक रूप देने के लिए शुक्रवार को सदर अस्पताल मुंगेर स्थित एएनएम स्कूल स्थित सभागार में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसको लेकर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ. अरविंद कुमार सिंह ने जिला के सभी पीएचसी और सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र जारी कर कार्यशाला में उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है।
– एईएस/जेई से निपटने के लिए की जा रही है व्यापक तैयारी :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ. सिंह ने बताया कि शुक्रवार को आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों से 5 – 5 प्रतिभागी जिसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआईसी), मेडिकल ऑफिसर के अलावा एसएचएस के चाइल्ड हेल्थ कार्यक्रम के अंतर्गत एम्स पटना में 6 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल होना है। इसके अलावा एईएस की जानकारी हासिल करने वाले एचएम, बीएचएम, बीसीएम, बीसीएम इंचार्ज सहित वेक्टर बोर्न डिजीज की जानकारी रखने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से कार्यशाला में शामिल होना है।
उन्होंने बताया कि मुंगेर में एईएस/जेई की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है। ताकि मरीजों को किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। वहीं, उन्होंने जिले के तमाम पदाधिकारियों, कर्मियों से एकजुट होकर एईएस/जेई के खिलाफ कार्य करने और लोगों से चिकित्सा परामर्श का पालन करने की अपील की है।
– कोविड नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर  एईएस नियंत्रण कक्ष की होगी स्थापना :
जिला वेक्टर बोर्न डिजीज सलाहकार पंकज कुमार प्रणव ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड नियंत्रण कक्ष की तर्ज पर एईएस/जेई नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही नियंत्रण कक्ष के मुख्य द्वार पर दूरभाष संख्या भी लिखा जाएगा। ताकि जरूरत पड़ने पर संबंधित मरीज टेलीफोन से भी आवश्यक चिकित्सा परामर्श प्राप्त कर सके और चिकित्सा परामर्श के अनुसार अगला कदम उठा  सके। इसके अलावा जिला भर में जन जागरूकता अभियान भी चलाकर एईएस से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रखण्ड स्तर पर सभी स्कूलों में “चमकी को धमकी “के शपथ पत्र का दीवार लेखन किया जा रहा है।
– ये है चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षण :
– लगातार तेज बुखार रहना।
– बदन में लगातार ऐंठन होना।
– दांत पर दांत दबाए रहना।
– सुस्ती चढ़ना।
– कमजोरी की वजह से बेहोशी आना।
– चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।
– चमकी बुखार से बचाव के लिए ये सावधानियाँ हैं जरूरी :
– बच्चे को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।
–  गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।
– ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
–  पारासिटामोल की गोली या सिरप दें।