एनसीसी के छात्रों ने एमडीए अभियान को लेकर निकाली रैली

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-रैली के जरिये लोगों को डीईसी और अल्बेंडाजोल की गोली खाने की अपील की
-फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में एमडीए अभियान को किया गया तेज
भागलपुर, 19 फरवरी-
फाइलेरिया को लेकर 14 दिनों तक चलने वाले एमडीए अभियान को तेज कर दिया गया है। अभियान के तहत जिले के सभी लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जानी है। अभियान 10 फरवरी को शुरू हुआ है। रविवार को पॉलिटेक्निक कॉलेज बरारी में एनसीसी के छात्रों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई गई। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रविकांत, केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक समेत स्थानीय स्वास्थ्यकर्मी भी मौजूद थे। दवा खाने के बाद एनसीसी के छात्रों ने रैली निकाली। रैली के जरिये आसपास के मोहल्ले को लोगों से अल्बेंडाजोल औऱ डीईसी की गोली खाने की अपील की गई। साथ ही इससे क्या फायदा होता है, इसकी भी जानकारी दी गई। केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अभियान के दौरान छूट नहीं जाए, इसका ख्याल रखा जा रहा है। इसके तहत रविवार को पॉलिटेक्निक कॉलेज में एनसीसी के छात्रों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई गई। एनसीसी के छात्र वहां पर परीक्षा देने आए थे। इसी दौरान वहां पर उन्हें दोनों दवा खिलाई गई। साथ ही पास के मोहल्ले को लोगों को जागरूक भी किया गया।
दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को खिलाई जा रही गोलीः डॉ. दीनानाथ ने बताया कि जिले में अभी फाइलेरिया को लेकर एमडीए अभियान चल रहा है। इसके तहत दो वर्ष अधिक उम्र के लोगों को अल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जा रही है। जिले में 31 लाख 40 हजार लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान दो से पांच साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की एक गोली खिलाई जा रही है। छह से 14 साल तक के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की दो गोली खिलाई जा रही है। 15 साल या इससे ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल की एक और डीईसी की तीन गोली खिलाई जा रही है। इसके अलावा दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाई जा रही है। साथ ही दवा भूखे पेट नहीं खिलाई जायेगी। इसके अलावा सामने ही दवा खिलाने का निर्देश स्वास्थकर्मियों को दिया गया है। अभियान के दौरान इन बातों का ध्यान रखा जाना है।
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया: डॉ. दीनानाथ ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रकोप बढ़ जाने के बाद कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआती दौर में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह साफ सफाई करनी चाहिए।