-अस्पताल के अंदर और परिसर की सफाई व्यवस्था को देखा और जानकारी ली
-नारायणपुर पीएचसी की सफाई व्यवस्था से कायाकल्प की टीम संतुष्ट दिखी
भागलपुर, 9 मार्च।
कायाकल्प की टीम ने बुधवार को खरीक और नारायणपुर पीएचसी का निरीक्षण किया। टीम में डीएचएस के डॉ. प्रशांत, केयर इंडिया के एफपीसी जितेंद्र कुमार सिंह और पीरपैंती के स्वास्थ्य मैनेजर प्रणव कुमार सिंह थे। टीम के सदस्यों ने दोनों अस्पतालों की सुविधाओं को देखा। खासकर अस्पताल की सफाई व्यवस्था की टीम ने बारीकी से निरीक्षण किया। मालूम हो कि पहले कायाकल्प की जिले की टीम के निरीक्षण में दोनों ही अस्पताल खरा उतरा है। इसके बाद फिर से टीम ने निरीक्षण किया। इसमें भी खरा उतरने पर अस्पताल को पुरस्कार के तौर पर मोटी राशि मिलती है।
टीम ने सबसे पहले खरीक पीएचसी का निरीक्षण किया। यहां पर प्रभारी डॉ. नीरज कुमार सिंह से अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सारी सुविधाओं की जानकारी ली। डॉ. प्रशांत ने बताया कि अस्पताल की व्यवस्था संतोषजनक थी। प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थियेटर साफ-सुथरा था। हालांकि सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है, लेकिन व्यवस्था फिर भी ठीक-ठाक थी। जो भी कमियां थीं, उसे ठीक करने के लिए कहा गया। वहीं प्रभारी डॉ. नीरज कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में सफाई पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को यहां से किसी तरह का संक्रमण नहीं हो, इसका हमलोग ख्याल रखते हैं। उम्मीद है कि कायाकल्प की टीम यहां की व्यवस्था से संतुष्ट हुई होगी और अस्पताल को बेहतर अंक मिलेगा।
खरीक में निरीक्षण करने के बाद कायाकल्प की टीम नारायणपुर पीएचसी गई। वहां पर भी सभी लोगों ने अस्पताल के अंदर से लेकर परिसर तक की सफाई व्यवस्था को परखा। डॉ. प्रशांत ने बताया कि यहां व्यवस्था अच्छी थी। खासकर सफाई का बेहतर तरीके से ध्यान रखा जाता है। न सिर्फ अस्पताल के अंदर, बल्कि परिसर भी साफ-सुथरा था। प्रसव कक्ष, ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर में गंदगी नहीं दिखी। कुल मिलाकर नारायणपुर पीएचसी की व्यवस्था से कायाकल्प की टीम संतुष्ट नजर आई। प्रभारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि हमलोगों ने ठीक से तैयारी की थी। अब कायाकल्प की टीम कितनी संतुष्ट हुई, यह अंक मिलने के बाद पता चलेगा। उन्होंने बताया कि सिर्फ कायाकल्प के निरीक्षण के दौरान ही नहीं, बल्कि आम दिनों में भी अस्पताल में साफ-सफाई का ध्यान रखा जाता है। मरीजों का स्वच्छ माहौल में यहां पर इलाज किया जाता है।
टॉप करने पर 17 लाख की मिलती है राशिः कायाकल्प की टीम के निरीक्षण में राज्य भर में टॉप करने पर अस्पताल को 17 लाख रुपये की राशि मिलती है। दूसरे और तीसरे स्थान वाले को भी राशि मिलती है। उस राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाने पर खर्च किया जाता है, जबकि शेष 25 प्रतिशत राशि अस्पताल के कर्मियों में उत्साह बढ़ाने के लिए खर्च किया जाता है। दोनों ही अस्पताल पहले जिला स्तरीय टीम के निरीक्षण में खरा उतर चुकी है। अब अगर राज्य स्तरीय कायाकल्प टीम के निरीक्षण में खरा उतरता है तो पुरस्कार का हकदार हो जाएगा।