जटिल प्रसव के कुशल प्रबंधन की दास्तान लिख रहीं हैं मंजुलता

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• छह माह के प्रशिक्षण से बनीं डीएमटी, अन्य जीएनएम को कर रही है प्रशिक्षित
• मास्टर ट्रेनर के रूप में बनायी अपनी अलग पहचान
• अमानत ज्योति कार्यक्रम से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हुआ सुधार
पटना-

गर्भकाल और शिशु का जन्म परिवार में ख़ुशी के साथ एक नयी उर्जा का संचार करता है और नवजात की गूंजती किलकारी सुनने की ललक हर माँ की होती है. मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की एक अहम् कड़ी सुरक्षित प्रसव को माना जाता है. प्रसव के समय जटिलताओं का ससमय एवं समुचित प्रबंधन मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में अहम् भूमिका निभा सकता है. प्रसवकाल में चिकित्साकर्मियों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है और कर्मियों का लगातार क्षमतावार्धन किया जा रहा है.
इसी क्रम में केयर इंडिया द्वारा अमानत ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत नर्सों की ट्रेनिंग की जा रही है और उन्हें डीएमटी( डिस्ट्रिक्ट मेंटरिंग टीम) के रूप में अन्य नर्सों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी दी गयी है.

नर्सो के कार्य क्षमता में हुई बढ़ोतरी:

वर्ष 2016 में प्रशिक्षण प्राप्त कर डीएमटी मंजुलता आज अपने कार्यकुशलता एवं ससमय निर्णय लेने की क्षमता से पहचानी जाती हैं. पहले जिला के दुलहिनबाजार प्रखंड में कार्यरत मंजुलता अभी फुलवारीशरीफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं. मंजुलता बताती हैं सिमुलेशन ट्रेनिंग में दी गयी जानकारी ने उन्हें कई चीजों के समुचित प्रबंधन के लिए तैयार किया है और प्राप्त प्रशिक्षण से अब वह अपने कार्यक्षेत्र में उन्हें अपनाकर बेहतर प्रसव प्रबंधन करने में सक्षम हो रहीं हैं.

जटिलताओं की पहचान अब हुई असान:

मंजुलता ने बताया प्रसव के दौरान आने वाली जटिलताओं को पूर्व ही समाप्त किया जा सकता है लेकिन इसके लिए उन जटिलताओं का समय पर पहचान जरूरी है। ओरिएंटेशन ट्रेनिंग के बाद आज वह प्रसव के लिए आई गर्भवती महिलाओं की मदद कर पा रहीं हैं. प्रसव के समय जटिलताओं की पहचान एवं उनका ससमय निवारण ताकि माँ और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें इसमें प्रशिक्षण ने उनकी कार्यकुशलता को नए आयाम दिए हैं. आज वह अपने काम को बेहतर तरीके से कर पा रहीं हैं . वह बताती हैं प्रसव के उपरांत महिला और उसके परिवारजनों के चेहरे पर संतोष एवं ख़ुशी के भाव उन्हें प्रेरित करता है. .

लक्षणों की पहचान और मरीज की स्थिती करती है निर्णय लेने में मदद:

मंजुलता ने बताया गर्भावस्था और शिशु का घर में आगमन पूरे परिवार के लिए हर्ष का समय होता है. प्रसव का समय गर्भवती माताओं को मानसिक रूप से मां बनने के लिए तैयार करता है. प्रसव तिथि नजदीक आते ही थोड़ी बहुत घबराहट गर्भवती महिलाओं को होना सामान्य है. “ मैं सबसे पहले गर्भवती महिला की पूरी तरह से जांच करती हूँ और इसमें प्राप्त किया हुआ प्रशिक्षण मेरे लिए रामबाण साबित होता है. लक्षणों पर पैनी नजर और प्रसव के लिए आई महिला से निरंतर बातचीत मुझे ससमय सही निर्णय लेने में मदद करती है. किसी भी तरह की असमंजस की स्थिति होने पर मैं चिकित्सक से सलाह लेती हूँ”.

कम से कम केस को रेफ़र करने का रहता है प्रयास:

मंजुलता ने बताया “प्रशिक्षण द्वारा किया गया क्षमतावार्धन रंग ला रहा है और मेरे द्वारा रेफ़र किये हुए मरीजों की संख्या न के बराबर है. मेरा प्रयास रहता है कि महिला का सुरक्षित प्रसव कराकर तुरंत नवजात को मां का पहला गाढ़ा दूध पिलाना सुनिश्चित करूँ और माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ और सकुशल अपने घर जाए”