टीबी उन्मूलन के लिए सक्रिय टीबी रोगियों की हो रही पहचान 

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• वर्ष 2021 में 2973 नए टीबी रोगियों की हुयी पहचान
• ड्रग रेजिस्टेंट मरीजों के लिए ट्रू-नेट मशीन बना वरदान
मुंगेर, 24 जनवरी 2022 : वर्ष 2025 तक भारत से टीबी बीमारी के उन्मूलन के लिए देश भर में  चलाए जा रहे नेशनल टीबी एलिमिनेशन प्रोग्राम (एंटीईपी) के तहत मुंगेर जिला में सक्रिय टीबी रोगियों की पहचान की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत मुंगेर के लगभग सभी प्रखंड़ों में आशा कार्यकर्ता घर-घर  जाकर लोगों से मिलकर टीबी मरीजों को चिन्हित कर रही है। आशा कार्यकर्ता सी बैक फॉर्म पर लोगों का डिटेल इन्फॉर्मेशन प्राप्त करती है और उसके आधार पर टीबी मरीजों को चिन्हित कर उन्हें तत्काल टीबी का इलाज शुरू करने की सलाह देती है। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2020 में जिला भर में कुल 1570 और 2021 में कुल 2973 टीबी के मरीज चिन्हित किए गए हैं। जिसमें पब्लिक और प्राइवेट दोनों संस्थाओं के द्वारा नोटिफाइड मरीज शामिल हैं ।
ट्रू नेट मशीन के माध्यम से ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीजों की पहचान :
डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर मुंगेर में कार्यरत डिस्ट्रिक्ट टीबी/एचआईवी कॉर्डिनेटर शैलेन्दु कुमार ने बताया कि ट्रू नेट मशीन के माध्यम से अब मुंगेर के लगभग सभी प्रखण्ड मुख्यालयों में ही ड्रग रेस्पॉन्स और ड्रग रेजिस्टेंट टीबी मरीजों की पहचान की जा रही है. ताकि सही समय पर टीबी मरीजों का सही इलाज किया जा सके । उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक जिला से टीबी उन्मूलन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत प्राइवेट और पब्लिक दोनों संस्थाओं के द्वारा लगातार टीबी मरीजों को नोटिफाइ किया जा रहा है। वर्ष 2020 में 1 जनवरी से 31 दिसम्बर के दौरान में जिला भर में पब्लिक संस्थाओं के द्वारा कुल 789 और प्राइवेट संस्थाओं के द्वारा कुल 781 टीबी मरीजों को नोटिफाइड किया गया । इस प्रकार से वर्ष 2020 में कुल 1570 टीबी मरीजों को नोटिफाइड कर उसका ईलाज उपलब्ध कराया गया जिसमें से कई लोग टीबी से पूरी तरह मुक्त हुए। इसी तरह वर्ष 2021 में 1 जनवरी से 31 दिसम्बर के दौरान जिला भर में पब्लिक संस्थाओं के द्वारा कुल 927 और प्राइवेट संस्थाओं के द्वारा कुल 2046 टीबी मरीजों को नोटिफाइड किया गया। इस प्रकार से वर्ष 2021 में कुल 2973 टीबी मरीजों को नोटिफाइड कर उनको ईलाज उपलब्ध कराया गया । उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि टीबी की तरह ही कोरोना भी है एक संक्रामक बीमारी है.  इसलिए सभी लोग साफ-सफाई के साथ मास्क और शारीरिक दूरी का भी अनिवार्य रूप से पालन करें।