*ऋषिकेश।* “किसी अपने का गुजर जाना, बहुत सारे भाव लाता है, हम उस दिवंगत आत्मा को बहुत प्यार करते हैं और किसी तरह उनकी उपस्थिति को अपने साथ महसूस करना चाहते हैं। क्या हो अगर हम अपने प्रियजनों की याद को किसी अनुपम तरीके से सहेज लें और पर्यावरण की बेहतरी में भी योगदान करें!”
इस परिकल्पना का समाधान प्रदान करने के लिए, चलत मुसाफिर और बस्तापैक एडवेंचर की टीमों ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में ‘स्मृति वृक्ष’ कैंपेन शुरू किया है। उत्तराखंड स्थित बस्तापैक कैंपसाइट पर स्मृति वृक्ष कैंपेन की शुरुआत, जिसका उद्घाटन पद्मभूषण अनिल जोशी जी ने किया। इस मुहिम के तहत चलत मुसाफ़िर और बस्तापैक एडवेंचर की टीम लोगों को ये अपील कर रही है, “आपके जो भी प्रियजन जो अब शारीरिक तौर पर इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आप उनकी स्मृतियों को सहेज कर रखना चाहते हैं, उनके नाम का एक पौधा बस्तापैक कैंपसाइट पर आकर लगाएं। हमारी टीम उनके नाम का एक प्लेट लगाएगी ताकि पौधा बढ़ने के साथ-साथ उसकी पहचान आपके प्रियजन के नाम से रहे।”
अनिल जोशी जी ने अपना पहला पेड़ माँ प्रकृति को समर्पित किया क्योंकि हमारे लिए प्रकृति भी मर रही है। इस कार्यक्रम पर अपनी राय साझा करते हुए कहा, “पहाड़ों पर टूरिज्म पर बिज़नेस तो बहुत लोग करते हैं पर हमें एक रिसपॉन्सिबल टूरिज्म इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है। हमें प्रकृति की ओर लौटना चाहिए, जो ज्यादातर लोग करना भूल जाते हैं। चलत मुसाफ़िर और बस्ता पैक की टीम इसे बखूबी आगे बढ़ा रही है। इस इसके लिए में दोनों टीमों की तारीफ करना चाहूंगा कि जो यहां उत्तराखंड के लोग नहीं कर पा रहे हैं, वो काम ये दोनों टीमें कर रही है।”
स्मृति वृक्ष एक समावेशी अवधारणा है जो लोगों को पर्यावरण में रचनात्मक रूप से योगदान करने देती है। यह किसी प्रियजन की याद में एक पेड़ लगाने का अवसर प्रदान करता है जो इस दुनिया में शारीरिक रूप से आपके साथ नहीं है। अनिल जोशी ने देश के युवाओं से अपील की है कि वे जिम्मेदार पर्यटन के मार्ग पर चलें और जितना हो सके पेड़ लगाएं।
चलत मुसाफिर के संस्थापक के अनुसार, “हम सॉल्यूशन-ओरिंटेड टीम हैं, हम इस अभियान को उत्तराखंड के बाहर भी ले जाना चाहते हैं। जल्द ही आप अन्य राज्यों में भी ‘स्मृति वृक्ष’ वृक्षारोपण अभियान देखेंगे।”
इस कार्यक्रम में पद्मश्री योगी एरोन भी मौजूद थे। उन्होंने अपनी दिवंगत बेटी तनु को एक पौधा समर्पित किया है। वहां मौजूद पर्यटकों ने भी इस पहल में योगदान देने के लिए अपने स्लॉट बुक कर लिए हैं। उनकी ओर से चलत मुसाफिर और बस्तापैक एडवेंचर की एकीकृत टीम पौधारोपण करेगी। टीम हर पौधे को एक समर्पित नेम प्लेट भी लगाती है।