मेले में परिवार नियोजन को लेकर दंपति को किया गया जागरूक
परिवार नियोजन के अस्थाई संसाधनों का किया गया वितरण
भागलपुर, 21 सितंबर-
हर महीने की 21 तारीख को अब परिवार नियोजन दिवस मनाया जाएगा। मंगलवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन दिवस मनाया गया। इसे लेकर सभी अस्पतालों में मेले का भी आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में परिवार नियोजन मेले का आगाज एसीएमओ डॉ. अंजना कुमारी ने फीता काटकर किया। मेले में विभिन्न तरह के काउंटर लगाए गए थे। काउंटर पर परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री का वितरण किया जा रहा था। लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा था और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताया जा रहा था। इस मौके पर डॉक्टर दीनानाथ, डीपीएम फैजान आलम अशर्फी, आशा के जिला समन्वयक जफरूल इस्लाम और केयर इंडिया के आलोक कुमार भी मौजूद थे।
एसीएमओ डॉ. अंजना कुमारी ने बताया अब हर महीने परिवार नियोजन दिवस का आयोजन होगा। इससे परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। परिवार नियोजन दिवस के मौके पर कई तरह के आयोजन किए जाएंगे, जिससे लोगों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। मेले में किसी काउंटर पर परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री का वितरण हो रहा है तो कहीं लोगों की काउंसिलिंग की जा रही है। लोगों को परिवार नियोजन से होने वाले फायदे के बारे में भी बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण है लोगों को परिवार नियोजन के प्रति अस्थाई संसाधनों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करना। लोगों में इसके प्रति थोड़ा भ्रम रहता है। उसे दूर करने की जरूरत है। लोगों में यह सोच विकसित करनी पड़ेगी कि कंडोम, अंतरा जैसे अस्थायी संसाधनों के इस्तेमाल से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।
दो बच्चों के बीच 3 साल का अंतराल जरूरीः
डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी है। इसे लोगों को समझाना बहुत आवश्यक है। अगर दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल रहता है तो जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहता है। इससे बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित रहने से बच्चा भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से सुरक्षित रहता है। इन सब बातों को लोगों को समझाने की जरूरत है।
काउंसिलिंग पर जोरः
डॉ. अंजना प्रकाश ने बताया कि परिवार नियोजन दिवस पर योग्य दंपतियों की काउंसिलिंग पर फोकस किया जा रहा है। एक बच्चे वाले दंपती को दूसरा बच्चा के लिए तीन साल का गैप रखना, 20 साल के बाद ही पहला बच्चा और अगर दो बच्चे हो गए हैं तो दंपती को बंध्याकरण के लिए मार्गदर्शन करने पर फोकस किया जा रहा है। ऐसा करने से होने वाले फायदे के बारे में भी दंपती को समझाया गया। दंपति की काउंसलिंग करने के लिए मेले में काउंसलर मौजूद रहेंगे