भाजपा सांसदों की सांसें तेज

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नई दिल्ली। जैसे जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं, दर्जनों भाजपा सांसदों की सांसें तेज चल रही हैं। उन्हें यह डर सता रहा है कि कहीं उनका टिकट कट नहीं जाए। पार्टी के अंदर और बाहर कई तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है। ताजा मामला एक सर्वे को लेकर है, जो सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा।

असल में, भाजपा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपने मौजूदा सांसदों की उनके लोकसभा क्षेत्रों में लोकप्रियता जानने के लिए सर्वेक्षण कराएगी। भाजपा ने 2014 के आम चुनाव में सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी और 2019 में इस जीत को दोहराने के लिए भाजपा चुनौतियों का सामना कर रही है। दिल्ली में भाजपा के एक शीर्ष नेता के अनुसार सितंबर के पहले पखवाड़े में चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एक कंसल्टेंसी कंपनी के द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया, इस सर्वेक्षण से न केवल इन सात सीटों के सांसदों की स्वीकार्यता का पता चलेगा बल्कि इससे उनके द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए काम के साथ ही पिछले साढ़े चार साल में भाजपा सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन और कार्यक्रमों के प्रभाव का भी पता चलेगा।’

इस सर्वेक्षण में भाजपा सासंदों द्वारा किए गए कामों और लोगों तक उनकी पहुंच के संबंध में सवाल रहेंगे। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण से मिले आंकड़ों को पार्टी की राष्ट्रीय इकाई और दिल्ली इकाई के साथ साझा किया जाएगा। भाजपा को दिल्ली में मुख्य तौर पर कांग्रेस और आप से चुनौती मिलेगी और इन पार्टियों के आंतरिक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि वे सात में से ज्यादातर सीटों पर जीत रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली आम आदमी पार्टी ने पांच संसदीय क्षेत्रों के लिए प्रभारियों के नामों की घोषणा कर दी है जिन्होंने चुनाव पूर्व तैयारियां शुरू कर दी हैं।