राष्ट्र निर्माण में इंजीनियर का अमूल्य योगदान – डॉ. संजय चोरडिया की राय; राष्ट्रीय अभियंता दिवस के अवसर पर ‘सूर्यदत्ता’ में विश्वेश्वरैया हॉल का उद्घाटन

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पुणे:

: “इंजीनियर समस्या को हल करनेवाला होता है. अपने कल्पक, क्रियाशील विचारों से वो सोल्यूशन ढूंढने का प्रयास करता है. इंजीनियरिंग एक दृष्टिकोण है और उसी दृष्टिकोन से कोई भी समस्या को हल करने की खोज में रहना चाहिए. इसका सबसे अच्छा उदाहरण गृहिणी है। वह एक इंजीनियर की तरह उपलब्ध संसाधनों में घर को आकार देती है,” ऐसी राय प्रसिद्ध कंप्यूटर विशेषज्ञ डॉ. दीपक शिकारपुर ने दी.

 

भारतरत्न डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के सम्मान में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय अभियंता दिवस के अवसर पर सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा ‘सूर्यदत्ता विश्वेश्वरैया इंजीनियरिंग एक्सीलेंस अवार्ड-2021’ डॉ. शिकारपुर के हाथो बिल्डर सुहास लुंकड, सीओईपी के एल्युमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष, उद्यमी भरत गीते, उद्यमी नितिन नाईक को प्रदान किया गया. सम्मानपत्र, स्वर्ण पदक, प्रतीक चिन्ह और स्कार्फ यह पुरस्कार का स्वरूप था.

 

बावधन में सूर्यदत्ता कैंपस में आयोजित समारोह के दौरान विश्वेश्वरैया हॉल का भी उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर सूर्यदत्ता ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय चोरडिया, उपाध्यक्ष एवं सचिव सुषमा चोरडिया, सलाहकार बोर्ड के सचिन ईटकर, सूर्यदत्ता के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं समूह निदेशक प्रा. डॉ. शैलेश कासंडे, निदेशक प्रा. सुनील धाडीवाल, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया आदि उपस्थित थे. लगभग 150 से अधिक स्टाफ मेम्बर्स उपस्थित थे। तीनों पुरस्कार विजेताओं से आयोजकों द्वारा इंजीनियरिंग के बारे में सवाल पूछे गए.

 

डॉ. दीपक शिकारपुर ने कहा, “इंजीनियर तकनीक के साथ स्मार्ट भी होना चाहिए. 21वीं सदी में सभी को तत्काल समाधान की जरूरत है. इसलिए मल्टीटास्किंग के साथ आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति, सकारात्मकता, सक्रियता और महत्वाकांक्षा हासिल करने की जरूरत है.”

 

प्रा. डॉ. संजय चोरडिया ने कहा, “सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिन के अवसर पर हमने उनके स्मृति में हॉल का उद्घाटन किया, इंजीनियरिंग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले हस्तियों को सम्मानित करके हमने उनके कार्य का गौरव किया है. राष्ट्र निर्माण में इंजीनियरों द्वारा दिया योगदान अतुलनीय है.”

 

सुहास लुंकड़ ने कहा, “निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनियर के रूप में मेरा सम्मान है. मेरे सभी सहयोगी, श्रमिक और साथी इंजीनियरों को यह सम्मान समर्पित करता हूं. इंजीनियरिंग के कारण हम अच्छी संरचनाओं निर्माण कर सके.”

 

भरत गीते ने कहा, “शहरीकरण और विकास में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आधुनिक भारत के निर्माण में विश्वेश्वरैया का योगदान अनुकरणीय है. इंजीनियरिंग के साथ मानवता की शिक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है. डॉ. संजय चोरडिया सीओईपी जैसे महान कॉलेज के पूर्व छात्र हैं, यह हमारे लिए गौरव की बात है.”

 

नितिन नाईक ने कहा, “इंजीनियर रचनात्मकता, नवाचार, सौंदर्यशास्त्र, कार्य नैतिकता के माध्यम से पैदा होते हैं. युवा हमारी ताकत है. इस युवापीढ़ी को नई तकनीक आत्मसात करनी होगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, मशीन लर्निंग जैसी नई तकनीकों को सीखने की जरूरत है.” सूत्रसंचालन सायली देशपांडे ने किया. सचिन ईटकर ने आभार ज्ञापित किये.