– अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को दिए आवश्यक निर्देश
– मलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर लोगों को किया जाएगा जागरूक
लखीसराय, 22 अप्रैल-
हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी 25 अप्रैल को जिलेभर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। जिसका सफल संचालन सुनिश्चित कराने को लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम) ने पत्र जारी कर जिले के सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उक्त कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जाएगा। वहीं, कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग जरूरी और आवश्यक तैयारी में जुट गया है। इस दौरान जिलेभर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा अन्य माध्यमों से भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
– कार्यक्रम की सफलता को लेकर जोरों पर चल रही तैयारी :
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, आगामी 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस पर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है। जिसके सफल संचालन के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने पदाधिकारी और कर्मियों के सहयोग से मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें। ताकि हर हाल में निर्धारित समय पर कार्यक्रम का शुभारंभ और सफलतापूर्वक समापन सुनिश्चित हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, कार्यक्रम की सफलता को लेकर चल रही तैयारियाँ को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
– किसी आयु वर्ग के लोग मलेरिया से हो सकते हैं पीड़ित :
मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी आयु वर्ग के के लोगों को हो सकता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फेलसीपेरम मलेरिया (दिमारी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।
– मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का करें प्रयोग : मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी लगाएं। इस बात का सोने के दौरान ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी कीमत पर जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें।