विश्व तंबाकू दिवस आज-आज तंबाकू का सेवन नहीं करने का लें संकल्प

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Early studies suggest that smokers who develop COVID-19 are 14 times more likely than nonsmokers to need intensive treatment. (Hannah Norman/KHN)

-तंबाकू का सेवन कैंसर जैसी कई घातक बीमारियों का बनता है कारण
-जागरूकता अभियान चलाकर इससे होने वाली बीमारियों को करें कम

बांका, 30 मई-

आज विश्वा तंबाकू निषेध दिवस है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलानी है। साथ ही, निकोटीन और तंबाकू व्यवसाय का पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के प्रति जागरूकता अभियान चलाना और इससे होने वाली बीमारियों व मौतों को कम करना भी है। इस बार का थीम पर्यावरण की रक्षा करे हैं। यानी कि लोगों को जागरूक कर तंबाकू की आदत को छुड़ाएं। इससे न सिर्फ लोग बीमारियों से बचेंगे, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी कहते हैं कि तम्बाकू में जिस रसायन की मात्रा सबसे अधिक पायी जाती है वह निकोटिन है। निकोटिन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। यह इन्सान को नशे का आदी तो बनाता ही है। साथ में इसके प्रभाव से मानव शरीर में अनेकों प्रकार की कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों को जन्म भी देती है। निकोटिन के प्रभाव के चलते व्यक्ति को भूख, प्यास, दिमाग आदि काम करना बंद कर देता है। इसके चलते धीरे-धीरे व्यक्ति पूर्ण रूप से बिना नशे के जीवित नहीं रह पाता है। वहीं नशा एक दिन व्यक्ति के जीवन के अंत का कारण भी बनता है। ऐसे में एक तरफ जहां व्यक्ति खुद को नशे के चलते बर्बाद तो करता ही है और नशे के कारण उसके साथ के रहने वाले परिवार और आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होता है। इसलिए आज से ही शपथ लें कि तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे। साथ ही अगर कोई कर रहा होगा तो उसे इसके प्रति जागरूक करेंगे। ताकि वह भी इसका सेवन नहीं करे औऱ इससे होने वाली बीमारियों से बच जाए।
1987 में पहली बार मनाया गया तंबाकू दिवसः डॉ. चौधरी ने बताया कि विश्व तंबाकू दिवस के दिन तंबाकू के खतरे के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। तंबाकू का उपयोग किस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, इसके बारे में तमाम जानकारियां इस खास दिन पर दी जाती हैं। इस खास दिन पर लोगों को तंबाकू के उपयोग के खतरों, तंबाकू कंपनियों के व्यवसाय प्रथाओं, डब्लूएचओ के प्लान के बारे में लोगों को सूचना दी जाती है। 1987 में पहला विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। इसके बाद से लगातार इस दिन लोगों को तंबाकू और इसके सेवन के घातक परिणामों के प्रति लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। आज जिलेभर में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। तंबाकू के खतरों के प्रति आगाह किया जाएगा।
मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है तंबाकूः डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, तंबाकू का उपयोग वैश्विक स्तर पर मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। वर्तमान में दुनिया भर में 10 वयस्कों में से एक की मौत के लिए भी यह जिम्मेदार है। इसलिए तंबाकू से आज ही तौबा करें। किसी भी तरह के तंबाकू के सेवन से बचें। खैनी, पान, पुड़िया, गुटखा इत्यादि को सदा के लिए ना कहें। इसे खुद भी हाथ नहीं लगाएं और घर के सदस्य या फिर जानने वालों को भी इससे बचाए रखें।