– एएनएम स्कूल परिसर ने निकाली गई रैली, टीबी हारेगा और भारत जीतेगा नारे पर दिया गया बल
– दो हफ्ते से अधिक की खाँसी टीबी का है डर सताती, बलगम का तुम जाँच कराओ डाट्स विधि से दूर भगाओ स्लोगन से लोगों को किया गया जागरूक
खगड़िया, 24 मार्च।
टीबी मुक्त भारत निर्माण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। इसके लिए हर जरूरी पहल भी की जा रही है। इसी कड़ी में 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर गुरुवार को टीबी जागरूकता रैली निकाली गई। यह रैली खगड़िया स्थित एएनएम स्कूल परिसर से निकाली गई। जिसे सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा, सीडीओ रवीन्द्र नारायण चौधरी, डीपीएम (हेल्थ) पवन कुमार एवं केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद रैली पूरे शहर का भ्रमण करते हुए पुनः एएनएम स्कूल पहुँच समाप्त हुई। इस दौरान रैली में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा टीबी हारेगा और भारत जीतेगा, दो हफ्ते से अधिक की खाँसी टीबी का है डर सताती, बलगम का तुम जाँच कराओ डाट्स विधि से दूर भगाओ, आदि नारे और स्लोगन के माध्यम से लोगों को टीबी से बचाव के लिए जागरूक किया गया। साथ ही टीबी मुक्त भारत निर्माण के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए प्रेरित किया गया। दरअसल, वर्ष 2025 तक सरकार द्वारा पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित लक्ष्य को हर हाल में पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
– जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में उपलब्ध है टीबी की मुफ्त जाँच की सुविधा :
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रवींद्र नारायण चौधरी ने बताया कि जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी की जाँच के लिए सरकार द्वारा मुफ्त जाँच की सुविधा बहाल की गई है। जहाँ कोई भी टीबी लक्षण वाले व्यक्ति निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। जाँच के साथ निःशुल्क दवाई भी दी जाती है, जो जाँच सेंटर पर ही उपलब्ध है। इतना ही नहीं, इसके अलावा मरीजों को उचित खान-पान के लिए आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन को सफल बनाने के लिए टीबी रोगी खोज अभियान के तहत भी मरीजों को चिह्नित कर उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ताकि शत-प्रतिशत मरीजों को सरकार की सुविधा का लाभ मिल सके।
– टीबी लाइलाज नहीं, पर समय पर जाँच के साथ इलाज शुरू कराना जरूरी :
सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया, टीबी लाइलाज नहीं है। किन्तु, समय पर जाँच और जाँच के पश्चात चिकित्सकों के सलाहानुसार इलाज शुरू कराना जरूरी है। क्योंकि, शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू कराने से इस बीमारी को आसानी के साथ मात दी सकती है। इसके लिए सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर समुचित जाँच और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। इसलिए, तमाम जिलेवासियों से अपील है कि लक्षण महसूस होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जाँच कराएं और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज भी शुरू कराएं।
– टीबी मुक्त भारत निर्माण के लिए सामुदायिक स्तर पर हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी :
केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने बताया, सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसे सार्थक रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। इसलिए, इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ना केवल खुद जागरूक होने की जरुरत है बल्कि, पूरे समुदाय को भी जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए, जिले वासियों से अपील है कि ना सिर्फ खुद बल्कि अन्य कोई भी टीबी लक्षण वाले लोग दिखे तो उन्हें तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य जाँच और इलाज कराने के लिए प्रेरित करें। साथ ही अपने स्तर से जाँच व इलाज कराने में सहयोग भी करें। आपकी यही पहल टीबी मुक्त भारत निर्माण और राष्ट्रहित में सबसे बेहतर और सराहनीय कदम होगी।
– ये हैं टीबी बीमारी का प्रारंभिक लक्षण :-
– 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना
– बलगम में खून आना
– एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना
– लगातार शरीर वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना