विश्व हृदय दिवस : निःशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह का हुआ शुभारंभ

85

– जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में हुआ शुभारंभ
– चिकित्सकों द्वारा लोगों को हृदय रोग से बचाव के लिए दी गई आवश्यक जानकारी

खगड़िया, 29 सितंबर ।
विश्व हृदय दिवस के अवसर पर बुधवार को जिले के सभी सरकारी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह का शुभारंभ हुआ। जिसका 05 अक्टूबर को समापन होगा। उक्त कार्यक्रम पीएचसी से लेकर अनुमंडल व जिला स्तरीय सभी अस्पतालों में हुआ। जिसमें चिकित्सकों ने मौजूद लोगों को हृदय रोग के कारण, लक्षण एवं उससे बचाव की विस्तार पूर्वक जानकारी दी । इस वर्ष ‘यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ थीम पर विश्व हृदय दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान सप्ताह भर लोगों को हृदय रोग से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी दी जाएगी और जागरूक किया जाएगा। हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सरकारी अस्पतालों में हो रही जाँच की जानकारी देंगी और जाँच कराने के लिए प्रेरित करेंगी।

– किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता हृदय रोग :
जिला सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा, हृदय रोग किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है। बच्चे, बूढ़े, युवा सभी लोग इससे पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए, हर आयु वर्ग के लोगों को को इससे बचाव से संबंधित उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। साथ ही चिकित्सा परामर्श के अनुसार उपचार कराना भी जरूरी है। साथ ही इस तरह की बीमारी से बचने के लिए लोगों को संतुलित भोजन के साथ रहन-सहन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। वहीं, उन्होंने बताया, पूरे सप्ताह सभी स्वास्थ्य स्थानों में आने वाले लोगों को पूरी तरह निःशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया जाएगा।

– बीमारी का लक्षण दिखते ही कराएं इलाज :
केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने बताया, इस बीमारी का लक्षण दिखते ही इलाज कराना बेहद जरूरी है। दरअसल, समय पर इलाज कराने से इससे आपको स्थाई निजात मिल सकती है। अन्यथा यह बीमारी आपके जिंदगी का हिस्सा बन सकता है। इसलिए जैसे ही बीमारी का लक्षण दिखे कि तुरंत किसी अच्छे चिकित्सकों से इलाज कराना चाहिए और चिकित्सा परामर्श का हरसंभव पालन करना चाहिए। इससे ना सिर्फ आपको बीमारी से आराम मिलेगी, बल्कि बीमारी से स्थाई निजात भी मिलेगी।

हृदय रोग के कारण:-
-तम्बाकू एवं शराब का प्रयोग
-पूर्व में हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास
-उच्च रक्तचाप
-मोटापा
-रक्त में उच्च कोलेस्ट्रॉल
-शारीरिक निष्क्रियता
-मधुमेह
-असंतुलित आहार

हृदय रोग के लक्षण
-सीने में तीव्र दर्द, दबाव या शारीरिक श्रम के बाद अपच का आभास
-कंधे या हाथ में दर्द या दबाव
-जबड़ो में अकारण दर्द
-परिश्रम/सीढ़ी चढ़ने में साँस फूलना या बेहोशी होना
-पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
-अकारण जी घबराना या पसीना आना
-धड़कन महसूस होना या चक्कर आना
-शरीर के किसी अंग या हिस्से में कमजोरी होना

हृदय रोग से बचाव के उपाय
-संतुलित आहार लें
-नियमित व्यायाम करें
-मदिरा या तम्बाकू युक्त पदार्थों का सेवन ना करें
-वजन एवं रक्तचाप की नियमित जाँच कराएं एवं उसपर नियंत्रण रखें।