केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में हरियाणा के सूरजकुंड में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसका उद्देश्य अधिकांश नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से नक्सलवादियों का खात्मा करना था। शाह की बैठक के परिणामस्वरूप महाराष्ट्र एंटी नक्सल टीम को नक्सलवादियों द्वारा जारी किया गया एक पत्र मिला है। इस पत्र में जिक्र किया गया है कि सरकार ने जिस तरीके से एलटीटी को खत्म किया था, उसी तर्ज पर नक्सल गतिविधियों को भी खत्म करना चाहती है।
नक्सलवाद और आतंकवाद मुक्त भारत के निर्माण में जुटे शाह की रणनीतियों के तहत पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में यह तय किया गया कि अमृतकाल में यह देश किसी भी नक्सली और आतंकी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। भाजपा के दिग्गज नेता और मोदी जी के भरोसेमंद सिपहसालार शाह के मार्गदर्शन में झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसी तमाम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलवाद से निपटने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आतंकवाद से मुक्त भारत के निर्माण के लिए एलटीटी को एक कोने में एकत्र करके उनकी गतिविधियों सहित पूरे एलटीटी को खत्म कर दिया गया था। ठीक उसी प्रकार शाह के दिशा-निर्देश पर नक्सल गतिविधियों को भी कॉर्नर करके खत्म करने की योजना तैयार हो चुकी है। भारत को नई पहचान दिलाने वाले कद्दावर नेता देश के उन हिस्सों के लिए नक्सली घटनाओं को रोकने का खाका तैयार कर रहे हैं, जहाँ नक्सली गतिविधियाँ ज्यादा हैं।
दरअसल 28 जुलाई से 3 अगस्त के बीच नक्सलवादी शहीद सप्ताह मनाते हैं। इसी दौरान एंटी नक्सल टीम को यह खत प्राप्त हुआ है। शाह की बैठक के परिणामस्वरूप नक्सलवादियों के बीच एक हड़कंप सा मच गया है और उनमें काफी दहशत दिख रही है। आने वाले दिनों में नक्सल क्षेत्र से नक्सलियों का खात्मा करने के लिए शाह ने कमान संभाल ली है। नक्सलवाद हो या आतंकवाद, खौफ पैदा करने के लिए शाह का नाम ही काफी है। शाह ने यदि ठान लिया है तो यह तय है कि जल्द ही भारत नक्सलवाद से मुक्त होगा और देश को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी।