-विडियो कॉल के जरिये डॉक्टर जानेंगे मरीजों का हाल, देखेंगे जांच रिपोर्ट
-भागलपुर शहर समेत जिले के सभी प्रखंडों में टीम का किया गया है गठन
भागलपुर, 17 फरवरी-
जिले में ई-संजीवनी ओपीडी के तहत टेलीमेडिसीन सेवा का आगाज जल्द होने जा रहा है। इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके तहत अब घर बैठे मरीजों का न केवल इलाज होगा, बल्कि उन्हें घर पर दवा भी उपलब्ध करा दी जाएगी। जिले में इसे लेकर आज ड्राई रन किया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि टेलीमेडिसीन सेवा का ड्राई रन शुक्रवार को होगा। भागलपुर शहर समेत जिले के सभी प्रखंड में टेली मेडिसीन टीम का गठन कर दिया गया है। ड्राई रन के दौरान टीमें अपनी-अपनी तैनाती वाले अस्पताल में मौजूद रहेंगी। इसके लिए 76 डॉक्टर तो करीब 400 एएनएम की तैनाती की गयी है। डॉक्टर ऑनलाइन तरीके से मरीज से रूबरू होंगे। मरीज की डॉक्टर से बात कराने से लेकर जांच रिपोर्ट तक दिखाने की जिम्मेदारी एएनएम की होगी। मरीज की जांच रिपोर्ट व उसके द्वारा बताई गई परेशानी व लक्षण के आधार पर डॉक्टर मरीज को दवा लिखेंगे।
मरीजों को 37 तरह की दवा मिलेगीः टेलीमेडिसीन सेवा के तहत मरीजों के लिए 37 प्रकार की दवा उपलब्ध कराई गई है। डॉक्टर के दवा लिखे जाने के बाद ग्रीन चैनल के जरिये मरीजों के घर तक निःशुल्क दवा पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा एचआईवी, हेपेटाइटिस व सिफलिस व गर्भ की जांच से लेकर कोरोना का टीका भी ग्रीन चैनल के जरिये दिया जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि ई-संजीवनी के जरिये सभी ओपीडी दिवस के दिन पूर्व में मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा टेलीमेडिसीन सेवा दी जाएगी। इसे लेकर एएनएम व चिकित्सकों को ट्रेनिंग तक दे दी गई है।
मरीजों को अस्पताल का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर: टेलीमेडिसीन की स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए मरीजों को अपने नजदीकी चयनित स्वास्थ्य संस्थान पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद वहां तैनात एएनएम स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल के माध्यम के टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य सेवा की सुविधा दिलाएंगी। डॉक्टर के चिकित्सा परामर्श के अनुसार एएनएम मरीजों को दवाई समेत अन्य चिकित्सा सेवा सुनिश्चित कराएंगी। यानी अब इलाज कराने के लिए मरीजों को अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, बल्कि सुविधाजनक तरीके से पूरी तरह मुफ्त ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा। दुर्गम इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सेवा लेने में होने वाली परेशानियों को दूर करने में टेलीमेडिसीन सेवा वरदान साबित होगी। दुर्गम इलाके के मरीजों को आने-जाने के लिए काफी दूरी का सफर समेत अन्य परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और समुचित इलाज के साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिलेगी।