: जिला भर के सभी प्रखंडों में विगत 10 फरवरी से चल रहा है सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान
: स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही फाइलेरिया की दवा अल्बेंडाजोल और डीईसी टेबलेट्स का जरूर करें सेवन
मुंगेर, 20 फरवरी-
हमसे से जो हुई भूल उसे आप लोग नहीं दुहराएं, एमडीए राउंड के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही फाइलेरिया की दवा जरूर खाएं । उक्त बात सोमवार को मुंगेर के सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नौवागढ़ी बाजार में मिठाई की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण – पोषण करने वाले व विगत 22 वर्षों से हाथीपांव के मरीज 37 वर्षीय चंदन कुमार ने कही। नौवागढ़ी के महादेवपुर गांव निवासी स्वर्गीय देवेश्वर मंडल और स्वर्गीय बच्ची देवी के पुत्र चंदन कुमार ने नौवागढ़ी हाईस्कूल से ही मैट्रिक तक की पढ़ाई की है। उनके परिवार में पत्नी सोनी देवी के अलावा 8 वर्षीय पुत्र प्रियांशु कुमार और 6 वर्षीय पुत्री संध्या कुमारी की शिक्षा- दीक्षा, भरण पोषण सहित सहित अन्य प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने की जिम्मेवारी हाथीपांव से पूरी तरह से प्रभावित चंदन कुमार की है।
उन्होंने बताया कि विगत 22 वर्षों से में हाथी पांव जैसी स्थाई दिव्यंगता का शिकार हूं। इसकी वजह से मेरा पूरा जीवन क्रम अस्त व्यस्त हो गया है, चलने – फिरने सहित नित्य क्रियाकलाप को संपादित करने में भी मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसको समय रहते शुरुआती दौर में ही उचित देखभाल और व्यायाम से ठीक किया जा सकता है। इस मामले में बरती गई थोड़ी से लापरवाही ताउम्र भारी भरकम हाथीपांव के साथ जीवन जीने को विवश कर देती है।
जिला भर के सभी प्रखंडों में विगत 10 फरवरी से चल रहा है सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान :
उन्होंने बताया कि यह बहुत ही खुशी कि बात है कि जिला भर के सभी प्रखंडों में विगत 10 फरवरी से ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस दौरान सभी प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता और शहरी क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर- घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी टैबलेट का सेवन करवा रही हैं । उन्होंने बताया कि एमडीए राउंड के दौरान यदि लगातार 7 वर्षों तक फाइलेरिया की दवा का सेवन कर लिया जाए तो उस व्यक्ति को फाइलेरिया बीमारी होने की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाती है।
आम लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोग स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही फाइलेरिया की दवा का सेवन करें अन्यथा दवा लेकर रखने के बाद दवा खाने के लिए भी भूल सकते हैं और इसकी वजह से आप भी मेरी तरह हाथीपांव के साथ जिंदगी जीने को मजबूर हो सकते हैं।
हाथीपांव के मरीज को दिव्यांगत प्रमाण पत्र मिलने से जगी उम्मीद :
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के द्वारा फाइलेरिया के मरीजों को दिव्यांगजन की श्रेणी में शामिल करते हुए दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के निर्णय से उम्मीद की किरण जगी है कि हमारे जैसे हाथी पांव के कई मरीजों का जीवन कुछ सहूलियत भरा हो सकेगा ।