• सीएससी पर आयुष्मान कार्ड बनाने के 30 रुपये नहीं देने होंगे शुल्क
• नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी और सीएससी ई गर्वेनेंस ने किया एमओयू पर हस्ताक्षर
• देश के 10 प्रदेशों में योजना प्रारंभ, बिहार में भी किया गया लागू
पटना-
नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी तथा कॉमन सर्विस सेंटर के बीच 18 फ़रवरी, 2021 को एमओयू पर हुए हस्ताक्षर के बाद अब बिहार सहित देश के 10 राज्यों में आयुष्मान कार्ड नि:शुल्क बनाया जा सकेगा. भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी है. यह सुविधा 1 मार्च से प्रारंभ होगी. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इन रज्यों के लाभुकों को पीवीसी (पोलिविनाइल क्लोराइड) आयुष्मान कार्ड निःशुल्क दिए जाएंगे. इसको लेकर यह प्रक्रिया पहले चरण में 10 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में शुरू की जा रही है, जिसमें बिहार सहित मणिपुर, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, त्रिपुरा, नागालैंड, चंडीगढ़, पुदूचेरी, छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश आदि शामिल हैं. अन्य प्रदेशों में भी नि:शुल्क पीवीसी आयुष्मान कार्ड वितरण की तिथि जल्द ही घोषित की जायेगी.
सीएससी पर नहीं देने होंगे 30 रुपये शुल्क:
नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी तथा कॉमन सर्विस सेंटर—ई गर्वेंनेंस द्वारा आपसी सहमति के बाद हुए करार के बाद लाभुकों के लिए पीवीसी आयुष्मान कार्ड नि:शुल्क बनाया जाना है. पूर्व में आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर 30 रुपये का शुल्क देना पड़ता था. आयुष्मान योजना के तहत सूचीबद्ध किये गये अस्पतालों में इलाज के लिए बनाये जाने वाले आयुष्मान कार्ड को अब बिना किसी शुल्क के जेनेरेट किया जाना है.
लाभुकों को मिलेगा पीवीसी प्रिंट किया कार्ड:
इस नई व्यवस्था के तहत आयुष्मान भारत के लाभुकों को पहले पेपर आधारित कार्ड दिया जायेगा. फिर इसके बाद एक पीवीसी प्रिंट किया हुआ कार्ड दिया जायेगा. पीवीसी आयुष्मान कार्ड किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर से प्राप्त किया जा सकेगा. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने व इलाज आदि के लिए आयुष्मान कार्ड आवश्यक रूप से हो ऐसा नहीं है, बल्कि यह लाभुकों को चिन्हित करने की प्रक्रिया है. साथ ही इसकी मदद से स्वास्थ्य सेवाओं के मुहैया कराने में होने वाली गड़बड़िया व धोखेबाजी को रोकना है.
5 लाख रुपये तक इलाज की है व्यवस्था:
भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराये जाने की दिशा में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना एक मुख्य कार्यक्रम है. इस योजना के तहत सालाना प्रति परिवार प्रति 5 लाख रुपये का इलाज की सुविधा दी गयी है, जिसमें 10.74 करोड़ लाभुकों यानी लगभग 53 लाख परिवारों को दूसरे एवं तीसरे स्तर की चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चिन्हित किया गया है. आयुष्मान भारत योजना के लाभुक को स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने के लिए कैश या पेपर आदि नहीं होने के बावजूद सुविधाएं मुहैया कराती है. के इलाज की सभी सुविधाएं मुहैया कराता है. इस योजना के तहत 937 हेल्थ पैकेज हैं. योजना के तहत देश के 32 प्रदेशों के 24000 से अधिक सरकारी व गैरसरकारी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना की शुरुआत 23 सितंबर 2018 को हुयी थी. इस योजना के तहत अब तक 20911 करोड़ रुपये मूल्य के 1.67 करोड़ हॉस्पीटल ट्रीटमेंट दिए जा चुके हैं. पूरे देश में इस योजना के तहत 14 करोड़ आयुष्मान कार्ड लाभुकों को निर्गत किया जा चुके हैं.
एनएचए भारत सरकार की संस्था:
नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी भारत सरकार की संस्था है जिसके द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना की पूरी प्रक्रिया तथा प्रबंधन का डिजाइन किया गया है. नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से संबंधित हैं और यह राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करती है