-बच्चे और गर्भवती महिलाएं कराएं टीकाकरण, बीमारियों से होगा बचाव
-आशा कार्यकर्ता लगा रहीं जोर, लोगों को ला रहीं टीकाकरण केंद्रों तक
भागलपुर, 9 मई
12 तरह की बीमारियों से बचाव को लेकर चल रहे मिशन इंद्रधनुष-4 अभियान के तीसरे चरण का मंगलवार को आखिरी दिन है। अधिक से अधिक महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण हो सके, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जोर लगा दिया है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक लाने के लिए जोर लगा रही हैं। खुद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने सोमवार को कई टीकाकरण केंद्रों का जायजा लिया और अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण कराने के लिए कहा। उन्होंने सच्चिदानंदनगर, खंजरपुर, किलाघाट समेत कई केंद्रों का जायजा लिया। उनके साथ यूएनडीपी के संदीप कुमार भी मौजूद थे। जायाजा लेने के दौरान डीआईओ ने कई तरह के निर्देश दिए।
डीआईओ डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि अभियान को दो दिन और बढ़ा दिया गया है। पहले यह अभियान आठ मई तक चलना था, लेकिन बीच में ईद की छुट्टी के कारण इसे दो दिन और बढ़ा दिया गया है। इस दौरान नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों को सूची के अनुसार टीका दिया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता क्षेत्र के छूटे हुए बच्चों को टीकाकरण केंद्रों तक ला रही हैं। लोगों से भी मेरी अपील है कि मंगलवार को अभियान का आखिरी दिन है, इसलिए जिनके बच्चों को अब तक टीका नहीं लगाया जा सका है, वे अपने नजदीकी केंद्रों पर जाकर बच्चों को टीका लगवाएं। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से पहले दो चरण में हमलोगों ने लक्ष्य से अधिक लोगों का टीकाकरण किया, उसी तरह इस बार भी लक्ष्य से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण हो सकेगा।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण जरूरीः जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी है। इससे न केवल गंभीर बीमारी से बचाव होता है, बल्कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा भी मिलता है। बच्चों का शारीरिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है। इसलिए जिले के सभी लाभार्थियों से कहना चाहता हूं कि जो नियमित टीकाकरण नहीं करा पाएं हैं, वह अपने नजदीकी शिविर स्थलों पर जाकर निश्चित रूप से टीकाकरण कराएं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि इंद्रधनुष अभियान के माध्यम से टीका से छूटी हुई गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जागरूक कर प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाएगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर होता है नियमित टीकाकरणः नियमित टीकाकरण का आयोजन जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर सप्ताह बुधवार और शुक्रवार को होता है। जरूरत पड़ने पर अन्य दिन भी टीकाकरण किया जाता है। इसके माध्यम से 2 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाए जाते हैं। नियमित टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। साथ ही प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना नहीं के बराबर रहती है। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होने से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलता है।