जिले के सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर आज होगा मासिक स्वास्थ्य मेला का आयोजन
– टीबी से बचाव को लेकर किया जाएगा जागरूक और दिया जाएगा जरूरी चिकित्सा परामर्श
– यक्ष्मा के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने पत्र जारी कर प्रदेश के सिविल सर्जन को दिए निर्देश
लखीसराय-
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए सरकार एवं राज्य स्वास्थ्य समिति पूरी तरह कटिबद्ध है। ताकि सामुदायिक स्तर पर लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके और प्रत्येक व्यक्ति आसानी के साथ स्वास्थ्य सुविधा का लाभ प्राप्त कर सके। इसी कड़ी में हर माह की तरह इस माह भी मंगलवार को जिले में संचालित सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर मासिक स्वास्थ्य मेला का आयोजन होगा। जिसमें मरीजों को समुचित स्वास्थ्य जाँच के साथ-साथ स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यक और जरूरी चिकित्सकीय परामर्श भी दिया जाएगा । साथ ही इसबार मेला के दौरान टीबी से बचाव के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा और संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसको लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (यक्ष्मा) ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी सिविल सर्जन और अपर उपाधीक्षक सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए हैं।
– जिले के सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर हर माह मेला का होता है आयोजन :
सिविल सर्जन डाॅ बीपी सिन्हा ने बताया, हर माह 14 तारीख को जिले के सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य मेला का आयोजन होता है। जिसके माध्यम से सामुदायिक स्तर पर लोगों की स्वास्थ्य जाँच की जाती है। इस मेला का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना है । इस बार मेला के दौरान टीबी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने एवं संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है। जिसे सुनिश्चित करने को लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। हर हाल में निर्देश का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
– टीबी से स्थाई निजात के लिए समय पर जाँच और इलाज जरूरी :
सीडीओ डाॅ श्रीनिवास शर्मा ने बताया, टीबी अब लाइलाज नहीं है। किन्तु, इस बीमारी से स्थाई निजात के लिए समय पर जाँच और इलाज जरूरी है। इसलिए, मैं तमाम जिले वासियों से अपील करता हूँ कि लक्षण दिखते ही तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में जाँच कराएं और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के पालन के साथ इलाज कराकर बीमारी से स्थाई निजात पाएं। यही इस बीमारी से बचाव का सबसे बेहतर और कारगर उपाय है। वहीं, उन्होंने बताया, टीबी किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है। इसलिए, हर आयु वर्ग के लोगों को जाँच कराना जरूरी है।
– ये हैं टीबी के प्रारंभिक लक्षण :
– भूख न लगना, कम लगना तथा वजन अचानक कम हो जाना।
– बेचैनी एवं सुस्ती रहना, सीने में दर्द का एहसास होना, थकावट व रात में पसीना आना।
– हलका बुखार रहना।
– खांसी एवं खांसी में बलगम तथा बलगम में खून आना। कभी-कभी जोर से अचानक खांसी में खून आ जाना।
– लगातार पन्द्रह दिनों तक खाँसी रहना
– गहरी सांस लेने में सीने में दर्द होना, कमर की हड्डी पर सूजन, घुटने में दर्द, घुटने मोड़ने में परेशानी आदि।
– बुखार के साथ गर्दन जकड़ना, आंखें ऊपर को चढ़ना या बेहोशी आना ट्यूबरकुलस मेनिन्जाइटिस के लक्षण हैं।
– पेट की टीबी में पेट दर्द, अतिसार या दस्त, पेट फूलना आदि होते हैं।