– स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद क्या करें
– स्वस्थ हुए लोग चिकित्सक व अस्पताल के संपर्क में रहते हुए परामर्श लेते रहें
– सकारात्मक व्यवहार रखते हुए आराम, आहार, नींद, दवा और दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें
मुंगेर, 22 सितम्बर।
कोविड-19 संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा लगातार समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किए जाते रहे हैं। लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के विभिन्न चरणों में मानव जीवन की रक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ समन्वय करते हुए अस्पतलों और कोविड केयर सेंटर में उपचाराधिनों की बेहतर देखभाल और इलाज की व्यवस्था की गई है। वहीं आम लोगों को सक्रमण के दौर में सुरक्षित रखने के उपायों को बताने के साथ सुविधाओं से युक्त सेवाओं का विकास किया गया। आरोग्य सेतु, संजीवन एप, मोबाइल वैन जैसी कई व्यवस्थाएं बनाई गईं। बेहतर ईलाज व्यवस्था के बाद स्वस्थ हुए उपचाराधीन दोबारा इसकी चपेट में न आ जाएं, इसके लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय सजग है। इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 से ठीक हुए उपचाराधीनों के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है।
सुझावों की विस्तार पूर्वक सूची भेजी है:
उपचाराधीन के स्वस्थ होने के बाद उसके द्वारा घर और बाहर अपनाएं जाने वाले व्यवहारों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुझावों की विस्तार पूर्वक सूची भेजी है। इसमें बताया गया है कि थकान, शरीर में दर्द, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई आदि अब तक के कोविड-19 के लक्षण हैं। इसके कई अन्य प्रकार और लक्षणों पर लगातार शोध की जारी है। वर्तमान में इससे बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता पर बल देने की जरूरी है। उपचाराधीन को स्वस्थ होने के बाद तीन से चार स्तर के नियमों का पालन करना चाहिए। इन सुझावों की सूची में स्वास्थ्य मंत्रालय ने योग जैसे हल्के व्यायाम, पूर्ण आहार लेने और काउंसलिंग कराने की सलाह को भी शामिल किया है। साथ ही आयुष मंत्रालय की तरफ से बताई गई इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं को लेने का भी सुझाव दिया गया है।
उपचाराधीन द्वारा अपने स्तर पर उठाए जाने वाले कदम:
कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान जो नियमों का उपचाराधीन पालन कर रहे हैं, उन्हें सतत जारी रखे। (जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना, शारीरिक दूरी आदि)। इसके साथ ही समय–समय पर पर्याप्त मात्रा में हल्का गर्म पानी पीते रहें। आयुष मंत्रालय की बताई गई इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं का सेवन करें। अगर स्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो घर के काम कर सकते हैं। प्राणायाम, ध्यान और सांस से संबंधित योग करें। सुबह और शाम के वक्त टहलें। संतुलित पौष्टिक आहार के साथ पर्याप्त नींद लें और आराम करें। धूम्रपान और शराब का सेवन ना करें। बताई गई दवाओं को नियमित रूप से लें। घर पर अपने स्वास्थ्य की जांच करें, जैसे- बुखार स्तर नापना, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, पल्स की रीडिंग आदि। वहीं अगर सूखी खांसी या गले में खराश है, तो गरारे करें और दवा लें।
सामुदायिक स्तर पर उठाए जा सकने वाले कदम:
कोविड–19 के संक्रमण से स्वस्थ हुए उपचाराधीन अपने मित्रों, परिजनों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से इलाज और स्वस्थ होने के दौरान के सकारात्मक अनुभव साझा करें। वार्तालाप और लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए सोशल मीडिया, समुदाय स्तर के नेताओं, स्वयं सहायता समुह, सिविस सोसाइटी का सहयोग लें, इससे जागरूकता के साथ अन्य नकारात्मक विचार समाज से दूर हो सकेंगे। इसके साथ ही दोस्तों के संपर्क में रहें, जरूरत हो तो सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोचिकित्सक से सहायता लें। योग और ध्यान कार्यक्रम और अभ्यास में हिस्सा लें। शारीरिक दूरी के नियमों को बढ़ावा दें।
ठीक होने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेते रहें:
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार उपचाराधीन के अस्पताल या जहां से भी उसका इलाज हुआ से डिस्चार्ज होने के सात दिनों के अंदर उसका फॉलोअप लेना चाहिए। आगे के इलाज के लिए आपपास के किसी योग्य एलोपैथिक या आयुष चिकित्सक के पास परामर्श के लिए उपचाराधीन जा सकता है।
आयुष दवाओं की जानकारी और लेने की विधि:
स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी किए गए निर्देश में आयुष दवाओं की जानकारी और सलाह के बाद उसे लेने की विधि भी बताई गई है। इसमें बताया गया है कि प्रतिदिन दिन में दो बार एक ग्राम संशमनी वटी या गिलोय पाउडर 1 -3 ग्राम, 15 दिनों के लिए गुनगुने गर्म पानी के साथ लें। रोजाना दिन में दो बार अश्वगंधा 500 मिलीग्राम या अश्वगंधा पाउडर 1-3 ग्राम दो बार 15 दिनों के लिए लें। साथ ही प्रतिदिन एक आंवला या 1-3 ग्राम या आंवला पाउडर का इस्तेमाल करें। सूखी खांसी हो तो तो मुलेठी पाउडर 1- 3 ग्राम को गुनगुने गर्म पानी के साथ रोजाना दो बार लें। हल्दी सेवन पर बताया गया है कि इसे गर्म दूध के साथ आधा चम्मच सुबह/शाम ले सकते हैं। वहीं हल्दी और नमक से गरारे के साथ सुबह में एक चम्मच च्यवनप्राश के सेवन के लिए भी बताया गया है।