नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ आनंद शुक्ला ने कहा कि कोरोना महामारी के दूसरे वेव से जूझ रही दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार की नाकामियों के कारण दिल्ली में कोविड वैक्सीन की भारी कमी है और 16 जनवरी से शुरु हुए वैक्सीनेशन अभियान में पिछले 5 महीनों में मात्र 5 प्रतिशत दिल्लीवासियों को ही वैक्सीन के दोनो डोज लगे है, जबकि प्रतिदिन एक लाख टीकाकरण प्रतिदिन लगाने की घोषणा की गई थी। वास्तविकता में प्रत्येक दिल्लीवासी को वैक्सीनेट करने के लिए लगभग 2.5 करोड़ वैक्सीन की जरुरत है।
डॉ. आनंद शुक्ला ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने राज्य स्तर की 25 प्रतिशत वैक्सीन की हिस्सेदारी नही खरीदी है, जबकि निजी क्षेत्र और दिल्ली सरकार को 25-25 प्रतिशत कुल 50 प्रतिशत वैक्सीन स्वयं खरीदनी थी और बाकी 50 प्रतिशत वैक्सीन केन्द्र सरकार द्वारा खरीदी जानी है।
डॉ आनंद शुक्ला ने कहा कि कोविड महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे गरीब लोग वैक्सीन की भारी कमी के कारण निजी केन्द्रों पर 900-1250 रुपये में टीका लगवाने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए गरीबों के साथ सजिश कर रही, जबकि उनका निशुल्क टीकाकरण होना चाहिए।
डॉ आनंद शुक्ला ने कहा कि वैक्सीन उपलब्ध कराने में केन्द्र व दिल्ली सरकार की असंवदेनशीलता के कारण देश और दिल्ली की जनता कोविड महामारी से गंभीर रुप से प्रभावित हो रही है और गरीबों के साथ साजिश करके केजरीवाल सरकार नूरा-कुश्ती का फार्मूला अपना कर वास्तविक स्थिति से ध्यान भटकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 18-44 वर्ष के लोगों के 400 टीका केन्द्र बंद हो गए है, जबकि 45 वर्ष से उपर के लोगों के लिए को-वैक्सीन के टीके खत्म है, जबकि निजी टीका केन्द्रों पर वैक्सीन उपलब्ध है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार वैक्सीन के प्राईवेट कोटे को सरकारी कोटे में परिवर्तित करके जनता को निशुल्क वैक्सीन मुहैया कराऐ।
डॉ आनंद शुक्ला ने अरविन्द सरकार से यह पूछा कि अभी तक देशी टीका कम्पनियों को कितने ऑर्डर दिए है और 1 मई के बाद दिल्ली सरकार ने राज्य स्तर पर व दिल्ली के निजी अस्पतालों ने कितने टीके खरीदे है, इसकी जानकारी सार्वजनिक करके दिल्ली की जनता को बताएं।