– अभियान के सफल संचालन के लिए जिलाधिकारी ने पूरी टीम को प्रशस्ति-पत्र देकर किया सम्मानित
– डीएमओ, डीभीबीडीसी, केयर डीटीएल, डीपीओ समेत पूरी टीम को किया गया सम्मानित
खगड़िया, 11 अप्रैल-
जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत सूरजनगर गाँव में कालाजार उन्मूलन को लेकर बीमारी फैलने के कारणों का पता लगाने के लिए चल रहे सघन खोज अभियान का सफलतापूर्वक समापन हो गया। अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलाधिकारी डाॅ आलोक रंजन घोष ने स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। जिसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार, डीभीबीडीसी बबलू सहनी, केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद, डीपीओ कृष्ण कुमार भारती, स्थानीय आशा कार्यकर्ता सहित टीम में शामिल सभी सदस्यों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने पूरी टीम के कार्यों की सराहना करते हुए सभी सदस्यों के उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं, जिलाधिकारी ने कहा, अभियान का सफल क्रियान्वयन पूरी टीम की कड़ी मेहनत और अपनी जिम्मेदारी के सकारात्मक निर्वहन का नतीजा है। मैं इस कार्य के लिए टीम का नेतृत्व करने वाले जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार, डीभीबीडीसी बबलू सहनी, केयर डीपीओ कृष्ण कुमार भारती को बेहतर और मजबूत नेतृत्व के लिए धन्यवाद देता हूँ। साथ ही भविष्य में भी इसी तरह की पूरी मजबूती के साथ नेतृत्व की उम्मीद करता हूँ।
– 03 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों की हुई खून जाँच :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विजय कुमार ने बताया, अभियान के दौरान मेडिकल टीम द्वारा 03 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों के ब्लड सैंपल लेकर जाँच की गयी। ताकि एक भी संक्रमित मरीज छूटे नहीं और सभी मरीजों को ससमय संक्रमण की जानकारी मिल सके। ताकि मरीजों का समय पर इलाज शुरू हो सके और अन्य लोग भी सुरक्षित रह सकें। साथ ही कालाजार से बचाव को लेकर व्यापक पैमाने पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया और आवश्यक जानकारी दी गई। इस सफल अभियान में टीम के एक-एक कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा। इसके लिए मैं पूरी टीम को बधाई देता हूँ।
– लक्षण दिखते ही जाँच कराने को लेकर किया गया प्रेरित :
केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने बताया, अभियान के दौरान जहाँ एक-एक व्यक्ति की जाँच की गयी। वहीं, लक्षण दिखते ही जाँच कराने के लिए प्रेरित भी किया गया। ताकि संबंधित लोगों को समय पर बीमारी की जानकारी मिल सके और आवश्यकतानुसार आगे का निर्णय लिया जा सके। साथ ही आगे भी पूरा गाँव सुरक्षित रह सके। वहीं, उन्होंने बताया, सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इन बीमारियों से बचने के लिए जमीन पर नहीं सोएं । मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
– कालाजार के लक्षण :
– लगातार रुक-रुककर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
– वजन में लगातार कमी होना।
– दुर्बलता।
– मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
– व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
– प्लीहा में नुकसान होता है।
– छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
– छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
– घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं । छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
– छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
– ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
– अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।